उत्तराखंड

एआई कंट्रोल करेगा देहरादून का ट्रैफिक, बेंगलुरु में तैयार हो रहा खास सॉफ्टवेयर

राजधानी देहरादून में जाम की स्थिति से हर कोई वाकिफ है. पुलिस प्रशासन के कई प्रयासों के बाद भी आम जनता जाम से जूझ रहा है. अब इसे लेकर यातायात निदेशालय एक नया प्रयोग करने जा रहा है. टेक्नोलॉजी से दुनिया भर में नेक्स्ट लेवल क्रांति आई है. इसमें अब एआई भी जुड़ गया है. इसका इस्तेमाल हर क्षेत्र में किया जा रहा है. उत्तराखंड में भी अब इसी एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल उत्तराखंड पुलिस करने जा रही है. जिसकी मदद से राजधानी देहरादून की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने की कोशिश की जाएगी.

बता दें पिछले दो दशकों से ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, इसके बावजूद कोई खास परिणाम अभी तक सामने नही आ सकें हैं. शहर की सड़कों की क्षमता से कई गुणा अधिक ट्रैफिक का दबाव वर्तमान समय मे भी बना हुआ है. जिसके लिये समय समय पर ट्रैफिक पुलिस की तरफ से व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नए नए प्लान और एक्सपेरिमेंट किए जाते रहे हैं, जो सफल नही हो सकें है. राज्य गठन के बाद से अब तक प्रदेश को 24 साल हो चुके हैं. इन 24 सालों में देहरादून शहर में कई बदलाव भी देखने को मिले. विकास से साथ बढ़ी आबादी और गाड़ियों की संख्या के चलते ट्रैफिक भी बढ़ा, लेकिन संकरी सड़कों का चौड़ीकरण न होने के चलते शहर में आज भी गाड़िया कछुआ चाल से ही रेंगती हुई नजर आती हैं.

इसे देखते हुए अब ट्रैफिक निदेशक अरुण मोहन जोशी ने शहर को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने की ठानी है. जिसके लिए एआई सॉफ्टवेयर बेंगलुरु के अस्त्रम साफ्टवेयर की तर्ज पर प्लान तैयार किया जाएगा. इसे सॉफ्टवेयर आर्किडस समूह तैयार कर रहा है. जिसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं.

ट्रैफिक निदेशक अरुण मोहन जोशी ने बताया एआई बेस्ट सॉल्यूशन से सारा सिस्टम इंटीग्रेट हो जाता है. जहां पर भी समस्या आती है, सॉफ्टवेयर उनकी पहचान करता है. उसके निस्तारण के बारे में बताता है, यदि बेहतर सिस्टम बनाने में कामयाब हो जाते है तो इससे आम जनता के साथ-साथ पुलिस को भी राहत मिलेगी. अगर एआई सॉफ्टवेयर सफल रहा तो दून वासियों के साथ साथ बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को भी जाम के झाम से निजात मिल सकेगी. साथ ही एआई के माध्यम से त्योहार, वीकेंड में यातायात दबाव,धरना प्रदर्शन, दुर्घटनाओं के कारण यातायात बाधित और अतिक्रमण को चिन्हित करने में समाधान मिलेगा.

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