15 कुंतल फूलों से सजा बदरीनाथ मंदिर, कल खुलेंगे बदरी विशाल के कपाट

उत्तराखंड के चौथे धाम बदरीनाथ मंदिर के कपाट कल रविवार चार मई को खुलने जा रहे है, जिसको लेकर तमाम तैयारियां पूरी हो चुकी है. कपाट खुलने की प्रक्रियाओं के तहत आज शनिवार तीन मई को भगवान उद्धव और गरुड़ उत्सव डोलियां के अलावा आदि गुरु शंकराचार्य जी गद्दी परम्परा अनुसार बदरीनाथ धाम पहुंच गई हैं. जबकि भगवान कुबेर जी की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव स्थित मां नंदा देवी मंदिर में पहुंच गई है.

बदरीनाथ धाम के कपाटोत्सव के लिए बीकेटीसी (बदरी केदार मंदिर समीति) की ओर से भगवान बदरी विशाल के मंदिर को 15 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया है. सुबह 6 बजे भगवान बदरी विशाल के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.

वहीं भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में देश और विदेश के श्रद्धालु धाम में पहुंचने लगे है. फिलहाल बदरीनाथ धाम में जहां तीर्थयात्रियों की आवभगत के लिए होटल, रेस्टोरेंट और दुकानों का संचालन शुरू हो गया है तो वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है.

बता दें कि इससे पहले 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. इसके बाद दो मई को बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. वहीं अब कल चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद उत्तराखंड चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो जाएगी.

बदरीनाथ धाम की दूरी करीब 550 किमी है. बदरीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. बदरीनाथ धाम पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार या ऋषिकेश पहुंचाना होगा. हरिद्वार और ऋषिकेश आप सड़क और रेल मार्ग दोनों से पहुंच सकते है. हरिद्वार या ऋषिकेश से आप बदरीनाथ धाम के लिए सीधी टैक्सी या बस भी ले सकते है. हरिद्वार या ऋषिकेश से बदरीनाथ धाम जाने में करीब 7 से आठ घंटे लगते है.

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