सिंदूर उजाड़ कहा था … मोदी को बता देना। अब मोदी के नए भारत ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ लॉन्च कर आतंक के 9 अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया

कभी धमकी दी गई थी – “मोदी को बता देना”
जवाब आया – सिंदूर के नाम पर अब आतंक का समूल नाश होगा।

भारत ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि यह अब 1947 या 1965 वाला भारत नहीं, यह मोदी का नया भारत है – जो अब सिर्फ सहता नहीं, चोट पहुंचाने वालों के गढ़ में घुसकर आग लगा आता है। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ इसी का सबसे ताज़ा और करारा उदाहरण है।

9 आतंकी ठिकानों पर भीषण कहर

भारत की वायुसेना ने आज सुबह तड़के एक बेहद गोपनीय और उच्चस्तरीय ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और PoK (पाक अधिकृत कश्मीर) में मौजूद 9 आतंकी अड्डों को सफलतापूर्वक नेस्तनाबूद कर दिया। ये ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे खूंखार संगठनों के ट्रेनिंग और लॉन्चिंग बेस थे।

आईएएफ के सूत्रों और खुफिया एजेंसियों के अनुसार, लक्ष्य इस बार केवल जवाब देना नहीं था – बल्कि जड़ से उखाड़ना था

नष्ट किए गए प्रमुख अड्डे –

  1. मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (JeM) – मसूद अजहर का अभेद्य किला।
  2. मरकज तैयबा, मुरीदके (LeT) – हाफिज़ सईद की घिनौनी प्रयोगशाला।
  3. सरजाल, तेहरा कलां (JeM) – भारत पर हमले की लॉन्चिंग पैड।
  4. महमूना जोया, सियालकोट (HM) – संचार और नेटवर्किंग हब।
  5. मरकज अहले हदीस, बरनाला (LeT) – फंडिंग और कट्टरपंथी ट्रेनिंग स्थल।
  6. मरकज अब्बास, कोटली (JeM) – आत्मघाती दस्तों की फैक्ट्री।
  7. मस्कर राहिल शाहिद, कोटली (HM) – हिजबुल की योजना इकाई।
  8. शवाई नल्ला कैंप, मुजफ्फराबाद (LeT) – सीमा पार से हमलों का मुख्य कैंप।
  9. सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद (JeM) – विस्फोटक व IED केंद्र।

ये सिर्फ बम नहीं थे, ये संदेश थे

हर विस्फोट के साथ यह संदेश गया – जो भारत की मातृभूमि, उसकी बहनों के सिंदूर, उसके जवानों की कुर्बानियों से खिलवाड़ करेगा, उसे भारत अब इतिहास बना देगा।

ट्रम्प की प्रतिक्रिया: ‘लोगों को पता था कि भारत कुछ बड़ा करेगा’

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी भारत के इस साहसिक कदम को जायज़ ठहराते हुए कहा – “लोगों को अहसास था कि कुछ बड़ा होने जा रहा है।”
यानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अब यह स्वीकार हो चुका है – भारत अब आतंक का शिकार नहीं, उसका शिकारी बन चुका है।

अब आतंकियों को सिंदूर नहीं, सिर्फ स्याह रातें नसीब होंगी

यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा का महायज्ञ था।
यह संदेश था – जो सिंदूर को मिटाने की बात करेगा, उसका नाम मिटा दिया जाएगा।

भारत ने दिखा दिया कि अब कूटनीति, चेतावनी और प्रतीक्षा के युग की समाप्ति हो चुकी है।
अब हर सवाल का जवाब – ऑपरेशन सिंदूर की तरह सीधे आसमान से आएगा।

जय हिंद!

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