महाराष्ट्र की एनडीए सरकार ने आज एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए गणेशोत्सव को आधिकारिक रूप से राज्योत्सव घोषित कर दिया है। इस फैसले के तहत अब राज्य सरकार ‘महायुति’ गठबंधन के बैनर तले गणेश महोत्सव के सभी प्रमुख आयोजनों में आर्थिक सहयोग और व्यवस्थागत सहयोग प्रदान करेगी।
राज्य के सांस्कृतिक कार्यमंत्री आशीष शेलार ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि “गणेशोत्सव महाराष्ट्र की आत्मा है। लोकमान्य तिलक की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हम इसे वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करना चाहते हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महायुति सरकार भव्य आयोजनों का समस्त खर्च वहन करेगी।
🎯 ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को बनाएं थीम का हिस्सा
इस निर्णय के साथ एक अहम अपील भी की गई है। आशीष शेलार ने राज्य के सभी गणपति मंडलों से अनुरोध किया है कि वे अपने इस वर्ष के थीम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समाविष्ट करें। यह अभियान हाल ही में भारतीय सेना द्वारा सीमा पार किए गए साहसिक मिशन पर आधारित है, जिसने देशभर में राष्ट्रभक्ति की लहर दौड़ा दी थी।
“गणेशोत्सव सिर्फ पूजा नहीं, सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक एकजुटता का मंच है। ऑपरेशन सिंदूर हमारे वीर सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक है, जिसे गणपति मंडलों को अपने पंडालों में दिखाना चाहिए।” – आशीष शेलार
🚩 राजनीतिक सन्देश भी?
राजनीतिक जानकार इस घोषणा को आगामी चुनावों से पहले हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को धार देने की रणनीति मान रहे हैं। राज्योत्सव के रूप में गणेशोत्सव की यह मान्यता, न केवल मराठी अस्मिता को नया बल देती है, बल्कि भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के वोटबैंक को भी मजबूत कर सकती है।
📍 महाराष्ट्र के लिए सांस्कृतिक टर्निंग पॉइंट?
गणेशोत्सव पहले ही मुंबई, पुणे, नागपुर और कोल्हापुर जैसे शहरों में भव्यता से मनाया जाता है। अब राज्य सरकार की भागीदारी से यह राज्यभर के छोटे गांवों और कस्बों में भी नए रंग और ऊर्जा के साथ मनाया जाएगा।
इस फैसले को लेकर मंडलों में उत्साह का माहौल है, और आने वाले दिनों में ‘राज्योत्सव गणेशोत्सव’ का दृश्य और भी भव्य और प्रेरक होने की उम्मीद है।