उत्तराखंड की धराली घाटी में आई आपदा ने जहां चारों तरफ तबाही का मंजर बना दिया, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए अब तक के सबसे बड़े बचाव अभियान ने 729 जिंदगियों को नई सांसें दीं। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया — #OperationDharali, जिसमें सेना, NDRF, SDRF, ITBP और वायुसेना ने मिलकर जमीनी और हवाई मोर्चा संभाला।
आपदा का कहर और बचाव की चुनौती
धराली में अचानक आई आपदा से कई गांव और रास्ते कट गए, लोग पहाड़ों के बीच फंस गए। मौसम बिगड़ने, तेज़ बारिश और भू-स्खलन ने रेस्क्यू को और कठिन बना दिया। कई इलाकों तक सड़क से पहुंचना नामुमकिन था, ऐसे में हेलिकॉप्टर ही एकमात्र उम्मीद बने।
8 हेलिकॉप्टरों की गड़गड़ाहट और आसमान से राहत
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर बचाव में रिकॉर्ड स्तर पर हवाई संसाधन लगाए गए —
- वायुसेना के MI-17 (02), Chinook (02)
- आर्मी के ALH-01, Cheetah-02
- राज्य सरकार और केंद्र से समन्वित 05 अतिरिक्त हेलिकॉप्टर
सुबह 6:20 बजे से शुरू हुए हवाई मिशन में शाम 6 बजे तक 172 sorties पूरे किए गए।
1056 जवानों की ज़मीनी तैनाती
हवाई मोर्चे के साथ-साथ जमीनी बचाव के लिए भी विशाल बल तैनात किया गया —
- पुलिस बल – 170 जवान (02 PAC कंपनियां)
- राजपूताना राइफल्स – 150 जवान
- सेना की घाटक टीम – 12 जवान
- स्पेशल फोर्स – 115 जवान
- ITBP – 250 जवान
- NDRF – 114 जवान
- SDRF – 79 जवान (V-Sat कम्युनिकेशन टीम सहित)
- डॉग स्क्वॉड – NDRF (06, 02 कैडेवर डॉग), SDRF (02 डॉग)
साथ ही BRO, PWD, सिंचाई, राजस्व, मेडिकल और खाद्य आपूर्ति विभाग भी लगातार मोर्चे पर जुटे रहे।
रेस्क्यू के नतीजे
कड़ी मेहनत और बेहतरीन समन्वय के बाद अब तक 729 लोग सुरक्षित निकाले जा चुके हैं —
- जॉलीग्रांट एयरपोर्ट — 112
- भाटी — 396
- विजयपुर — 121
- गंगोत्री, भैरवघाटी, निलांग — 100
मुख्यमंत्री का मोर्चा और लोगों का भरोसा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न सिर्फ राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की, बल्कि रेस्क्यू टीमों को लगातार निर्देश दिए। उनका संदेश साफ था — “जब तक आखिरी व्यक्ति सुरक्षित बाहर नहीं आ जाता, #OperationDharali जारी रहेगा।”
अभी भी जारी है मिशन
मौसम की चुनौती और कठिन भौगोलिक हालात के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी ताकत से जारी है। अतिरिक्त 229 सदस्यीय दल तैयार रखा गया है ताकि अगले राउंड में भी राहत और बचाव बिना रुके चलता रहे।