भारत की टैक्स प्रणाली में बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है। अगली पीढ़ी के Taxation Policy Reforms अब सिर्फ स्लैब में फेरबदल तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि व्यापक स्ट्रक्चरल बदलाव की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, आने वाली GST काउंसिल बैठक में दो-रेट स्ट्रक्चर (Two-Rate Structure) और उससे जुड़े उपायों पर चर्चा हो सकती है। यह सुधार न केवल टैक्स स्लैब को सरल बनाएंगे, बल्कि GST अनुपालन (Compliance) को भी आसान करेंगे।
सरकार का फोकस तीन बड़े स्तंभों पर है –
- स्ट्रक्चरल फिक्सेस (Structural Fixes)
- रेट रेशनलाइजेशन (Rate Rationalisation)
- Ease of Living
अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि इन बदलावों का मकसद Ease of Doing Business को मजबूत करना है। टैक्स वर्गीकरण (Classification) की जटिलताओं को घटाकर पारदर्शिता और सरलता लाने पर ज़ोर है।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सुधार घरेलू खपत (Domestic Consumption) को बढ़ावा देंगे। टैक्स ढांचा आसान होने से आम लोगों की खर्च करने की क्षमता भी बढ़ सकती है। इस तरह, यह बैठक सिर्फ छोटे रेट बदलावों तक सीमित नहीं होगी, बल्कि लंबी अवधि के लिए टिकाऊ टैक्स सुधारों (Durable Tax Reforms) का रास्ता खोल सकती है।
