जयपुर।
राजस्थान में नकली और घातक दवाओं का काला खेल उजागर होने के बाद सरकार ने अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की है। बच्चों की मौत और कई के बीमार पड़ने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने KAYSONS दवा कंपनी की सभी 19 दवाओं की बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही, दवा नियंत्रण विभाग के शीर्ष अधिकारी ड्रग कंट्रोलर द्वितीय को निलंबित कर दिया गया है।
राजस्थान सरकार की यह कार्रवाई सीधे-सीधे जन-स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ी है और इसे मुख्यमंत्री की “जीरो टॉलरेंस” नीति की मिसाल माना जा रहा है।
नकली दवाओं का फर्जीवाड़ा — कब और कैसे खुला मामला
26 सितंबर को मीडिया रिपोर्टों में यह खुलासा हुआ कि राज्य के ड्रग कंट्रोलर द्वितीय ने एक विवादित आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि — यदि किसी दवा में निर्धारित घटक (ingredient) शून्य है, लेकिन निर्माता स्वीकार करता है कि उसने ही दवा बनाई है, तो उसे “नकली” नहीं माना जाएगा!
यही आदेश बाद में फर्जीवाड़े की जड़ साबित हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, इसी आधार पर नकली दवाओं की संख्या 55 से घटाकर 37 दिखाई गई — यानी 18 दवाओं को अचानक “सही” घोषित कर दिया गया। यह सांख्यिकीय हेराफेरी न केवल दवा कंपनियों को बचाने की कोशिश थी, बल्कि जनजीवन को सीधे खतरे में डालने वाली गंभीर लापरवाही भी थी।
मुख्यमंत्री का सीधा दखल और बड़ी कार्रवाई
जैसे ही यह मामला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संज्ञान में आया, उन्होंने तत्काल उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए। ड्रग आयुक्त डॉ. शुभमंगला की रिपोर्ट में यह पाया गया कि अधिकारी ने जानबूझकर केंद्र सरकार को गलत आंकड़े भेजे और दवा मानकों को कमजोर किया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने ड्रग कंट्रोलर द्वितीय को निलंबित करने के साथ ही सख्त शब्दों में कहा कि —
“राज्य में जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी अधिकारी या कंपनी इसमें दोषी पाई जाएगी, उस पर कठोरतम कार्रवाई होगी।”
डीसी-2 का अतिरिक्त प्रभार एडीसी मनोज धीर को
ड्रग कंट्रोलर द्वितीय निलंबन के बाद, आरएमएससीएल (RMSCL) में तैनात एडीसी मनोज धीर को डीसी-2 का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
KAYSONS दवा कंपनी की दवाएँ बनीं विवाद का केंद्र
राजस्थान में बच्चों की मौत से जुड़े Dextromethorphan Cough Syrup को KAYSONS कंपनी ने सप्लाई किया था। जांच में पाया गया कि इस कंपनी की कई दवाएँ पहले भी गुणवत्ता जांच (Quality Test) में फेल हो चुकी थीं। फिर भी, इन्हें बाजार में जारी रखा गया — जिससे इस पूरे प्रकरण में सरकारी मिलीभगत की बू आने लगी।
राजस्थान सरकार ने अब KAYSONS की सभी 19 दवाओं पर प्रतिबंध लगाते हुए उनके स्टॉक जब्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
जन-स्वास्थ्य पर जीरो टॉलरेंस का सख्त संदेश
यह कदम न केवल प्रशासनिक स्तर पर कठोर है, बल्कि पूरे देश में एक मिसाल भी बन सकता है। राजस्थान सरकार ने यह साफ संकेत दिया है कि जन-स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा — चाहे वह सरकारी अधिकारी हो या निजी कंपनी।
राजस्थान में यह कार्रवाई स्वास्थ्य तंत्र में पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो आने वाले समय में दवा उद्योग के लिए भी एक चेतावनी साबित होगी।