उत्तरकाशी, 06 अक्टूबर 2025:
उत्तरकाशी जिला मुख्यालय में सोमवार को एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस संवाद सत्र का मुख्य उद्देश्य सतत विकास, नीतिगत निर्माण और प्रशासनिक निर्णयों में नवाचार पर चर्चा करना था।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि सस्टेनेबल डेवलेपमेंट केवल एक लक्ष्य नहीं बल्कि प्रशासनिक निर्णयों का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास की किसी भी प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समानता और आर्थिक सशक्तिकरण को शामिल करना अब अनिवार्य हो गया है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सरकारी योजनाओं जैसे जल संरक्षण, हरित ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, कृषि, बागवानी, पर्यटन और स्वास्थ्य सेवाओं में सतत विकास के योगदान पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों को नीति निर्माण की जमीनी चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों के बारे में जानकारी दी।
सीमांत वाइब्रेट विलेज का अध्ययन कर वापस लौटे 42 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने भी इस अवसर पर विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछे और अपने विचार साझा किए। जिलाधिकारी ने उनके सवालों का उत्तर देते हुए प्रशासनिक दायित्वों के निर्वहन में नवाचार और जनसहभागिता को प्राथमिकता देने की सलाह दी। उन्होंने प्रशिक्षुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आप न केवल बेहतर प्रशासक बनें, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले प्रेरक भी बनें।”
इस अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों ने जिलाधिकारी प्रशांत आर्य को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में एडीएम मुक्ता मिश्र, डीसी आईटीबीपी प्रकाश सिंह, डॉ. अक्षय, आपदा समन्वयक जय पंवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी उपस्थित रहे।
इस तरह के संवाद कार्यक्रम न केवल प्रशासनिक ज्ञान और अनुभव साझा करने का माध्यम हैं, बल्कि युवा अधिकारियों में सकारात्मक नेतृत्व और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को भी प्रबल करते हैं।