भारत के लोकतंत्र में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनावों और जम्मू-कश्मीर की 8 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए पोस्टल बैलेट (डाक मतपत्र) सुविधा का विस्तार किया है। यह निर्णय न केवल चुनावी प्रक्रिया को समावेशी बनाएगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि हर मतदाता—चाहे वह उम्रदराज़ हो, दिव्यांग हो या ड्यूटी पर तैनात कर्मी—अपना मताधिकार सुरक्षित और सहज रूप से प्रयोग कर सके।
किसे मिलेगा पोस्टल बैलेट का लाभ?
निर्वाचन आयोग ने इस सुविधा को तीन प्रमुख श्रेणियों के लिए खोला है —
- 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक: अब 85+ बुजुर्ग मतदाता मतदान केंद्र तक जाने की बजाय घर बैठे ही अपना वोट डाल सकेंगे। आयोग की विशेष टीम उनके घर जाकर बैलेट एकत्र करेगी, जिससे न केवल उन्हें सुविधा मिलेगी बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से भी बचाव होगा।
- बेंचमार्क दिव्यांग मतदाता: जिन मतदाताओं को ‘Benchmark Disabilities’ प्रमाणित हैं, वे भी अब इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यह कदम दिव्यांगजनों की लोकतांत्रिक भागीदारी को सशक्त करेगा।
- आवश्यक सेवाओं के कर्मचारी: जो कर्मचारी चुनाव के दिन आवश्यक सेवाओं में ड्यूटी पर रहेंगे, वे भी पोस्टल बैलेट से वोट डाल सकेंगे।
आवश्यक सेवाओं में कौन शामिल हैं?
ECI की सूची में अग्निशमन, स्वास्थ्य, एंबुलेंस, रेलवे, ट्रैफिक नियंत्रण, विमानन, लंबी दूरी की सरकारी परिवहन सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस और सुरक्षा बलों के कर्मी भी स्वाभाविक रूप से इस सुविधा के पात्र माने जाते हैं। ये कर्मचारी अपने विभाग के नोडल अधिकारी के माध्यम से आवेदन करेंगे।
कैसे मिलेगा पोस्टल बैलेट?
- 85 वर्ष से अधिक या बेंचमार्क दिव्यांग मतदाता को मतदान अधिसूचना जारी होने के 5 दिनों के भीतर अपने BLO (Booth Level Officer) के माध्यम से फॉर्म 12-D भरकर जमा करना होगा।
- इसके बाद निर्वाचन आयोग की टीमें उनके घर पहुंचकर बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान करवाएंगी। इस पूरी प्रक्रिया की गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आयोग ने विशेष प्रोटोकॉल तैयार किया है।
सर्विस वोटर्स के लिए अलग व्यवस्था
जो मतदाता सशस्त्र बलों या अन्य सरकारी सेवाओं में राज्य से बाहर या विदेश में तैनात हैं, वे इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ETPBS) के माध्यम से मतदान कर सकेंगे। उन्हें यह बैलेट इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जाएगा और इस पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।
राजनीतिक दलों को जानकारी साझा करने के निर्देश
निर्वाचन आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग ऑफिसरों को निर्देश दिया है कि वे इस नई व्यवस्था की पूरी जानकारी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के साथ साझा करें ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और सर्वसुलभ बनी रहे।
लोकतंत्र को और मजबूत बनाता कदम
ECI की यह पहल केवल एक प्रशासनिक सुधार नहीं बल्कि लोकतांत्रिक भावना का सशक्त प्रतीक है। यह दिखाता है कि भारत का लोकतंत्र हर नागरिक की आवाज़ को बराबरी से महत्व देता है—चाहे वह 85 वर्ष का बुजुर्ग हो, दिव्यांग नागरिक हो या ड्यूटी पर तैनात सिपाही। यह बदलाव निश्चित रूप से मतदान प्रतिशत बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया को और समावेशी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।