नए कानूनों की समझ बढ़ाने के लिए देहरादून पुलिस की पहल
देहरादून — भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशों के तहत एक जुलाई 2024 से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के प्रचार-प्रसार और जनजागरूकता के उद्देश्य से आज 16 अक्टूबर 2025 को पुलिस लाइन देहरादून के सभागार में एक विशेष गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस गोष्ठी में देहरादून जनपद के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, अधिवक्ता, शिक्षण संस्थानों के छात्र और पुलिसकर्मी शामिल हुए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह पहल नागरिकों को नए कानूनों के अंतर्गत उनके अधिकारों और दायित्वों के बारे में जानकारी देने के लिए की जा रही है, ताकि समाज के हर वर्ग तक न्यायिक जागरूकता पहुंचे और आमजन कानूनी प्रक्रिया से अधिक जुड़ाव महसूस करें।
“अंतिम व्यक्ति” तक कानून की जानकारी पहुँचाना उद्देश्य
गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य था— समाज के उस अंतिम व्यक्ति तक नए आपराधिक कानूनों की जानकारी पहुँचाना जो अक्सर कानून की जानकारी से वंचित रह जाता है।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि नए कानूनों में कई ऐसे प्रावधान हैं जो नागरिकों के अधिकारों को सरल और सशक्त बनाते हैं।
कानूनों की भाषा और प्रक्रिया को आमजन के लिए समझने योग्य बनाना, इस अभियान की सबसे बड़ी प्राथमिकता बताई गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जनजागरूकता के लिए समय-समय पर इसी तरह की गोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि जनता सीधे तौर पर कानून से जुड़ी नई जानकारी प्राप्त कर सके।
देहरादून में आयोजित होगी विशेष प्रदर्शनी
नए आपराधिक कानूनों के प्रचार-प्रसार को और सशक्त बनाने के लिए पुलिस विभाग ने घोषणा की कि आगामी माह में देहरादून में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में नए कानूनों से जुड़े प्रमुख बिंदु, अधिकारों की व्याख्या, और सामान्य जनता की सहायता के लिए बनाए गए सरलीकृत प्रावधानों को इंटरएक्टिव तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में भारत सरकार के गृह मंत्री को आमंत्रित किया जाएगा, जो उद्घाटन कर जनसामान्य को नए कानूनों के बारे में सीधा संदेश देंगे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनी का उद्देश्य आमजन को यह बताना है कि नए कानून केवल दंड प्रक्रिया में बदलाव नहीं लाते, बल्कि न्याय को अधिक मानवीय, सरल और सुलभ बनाते हैं।
विभिन्न वर्गों के सुझावों से समृद्ध हुई गोष्ठी
गोष्ठी में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, अधिवक्ताओं और छात्रों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए प्रदर्शनी के स्वरूप को और प्रभावशाली बनाने के सुझाव दिए।
कई वक्ताओं ने सुझाव दिया कि प्रदर्शनी में विजुअल चार्ट्स, वीडियो प्रेजेंटेशन और केस स्टडी जैसे माध्यमों का उपयोग किया जाए ताकि कानूनों को समझना आम लोगों के लिए आसान हो।
वहीं, कुछ ने यह भी कहा कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी इस तरह की लघु प्रदर्शनी आयोजित की जाए ताकि जागरूकता केवल शहरी इलाकों तक सीमित न रहे।
पुलिस प्रशासन ने भरोसा दिलाया कि प्राप्त सभी सुझावों पर विचार किया जाएगा और प्रदर्शनी को इस तरह तैयार किया जाएगा कि हर नागरिक उसमें अपनी भागीदारी महसूस करे।
साझेदारी और सहभागिता का आमंत्रण
पुलिस विभाग ने बताया कि इस अभियान में कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से जुड़ सकता है या अपने सुझाव साझा कर सकता है।
जो नागरिक इस अभियान से जुड़ना चाहते हैं, वे सीधे हेल्पलाइन नंबर — 8218369140 पर संपर्क कर सकते हैं।
विभाग ने कहा कि कानूनों की सही जानकारी और जनता की सक्रिय भागीदारी ही इस अभियान को सफल बनाएगी।
नया आपराधिक कानून: एक नजर में बदलाव की दिशा
नए आपराधिक कानून — भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) — पुराने दंड संहिता ढांचे को आधुनिक, डिजिटल और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।
इनमें तकनीक आधारित साक्ष्य, तेज़ न्याय प्रक्रिया, पीड़ित के अधिकारों की सुरक्षा और अपराध पीड़ितों के लिए बेहतर कानूनी सहायता जैसे कई सुधार जोड़े गए हैं।
इन प्रावधानों की सही जानकारी ही नागरिकों को सशक्त बनाती है — और यही इस पूरे अभियान की आत्मा है।
Meta Title: देहरादून में नए आपराधिक कानूनों पर जनजागरूकता गोष्ठी, जल्द आयोजित होगी विशेष प्रदर्शनी
Meta Description: पुलिस लाइन देहरादून में नए आपराधिक कानूनों पर जागरूकता गोष्ठी आयोजित। पुलिस विभाग जल्द प्रदर्शनी लगाएगा, जिसमें नागरिकों को सरल और प्रभावी कानूनी जानकारी दी जाएगी।
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