प्रदेश में कई विद्यालयों में छात्र बिना शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। कहीं, शिक्षक नहीं हैं, जहां हैं वे भी लंबित मांगों के लिए पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं। आंदोलनरत शिक्षकों का कहना है कि वे छात्र-छात्रों की पढ़ाई का नुकसान नहीं चाहते, लेकिन उनकी मांगों की अनदेखी कर उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर किया गया है।
प्रधानाचार्य के पद पर विभागीय सीधी भर्ती के विरोध में शिक्षक 2 सितंबर से चरणबद्ध रूप से आंदोलनरत हैं। दो सितंबर को शिक्षकों ने प्रदेश भर में चॉक डाउन कर कार्यबहिष्कार किया। जिससे विद्यालयों में पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई। वहीं, पांच सितंबर को शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षक दिवस का बहिष्कार किया।