राजस्थान

शिल्पग्राम महोत्सव : देशभर के लोक नृत्यों का छाएगा जादू, ‘थौगोऊ जागोई’ और ‘लावणी’ रिझाएंगे दर्शकों को

जिले के हवाला स्थित शिल्पग्राम में 21 से 30 दिसंबर तक आयोजित होने वाले ‘शिल्पग्राम महोत्सव’ में देशभर के लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुति देखने को मिलेगी. इस बार मणिपुरी लोक नृत्य ‘थौगोऊ जागोई’ और महाराष्ट्र का प्रसिद्ध ‘लावणी’ नृत्य प्रमुख आकर्षण होंगे.

टीम लीडर इबोम शा बताते हैं मणिपुरी लोक नृत्य ‘थौगोऊ जागोई’ को खासतौर पर लोक देवता लाई हारोबा को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. इस नृत्य का उद्देश्य हारोबा को खुश कर खुशहाली की कामना करना है. इसमें नर्तकियां और नर्तक कभी एक पंक्ति में तो कभी गोलाकार बनाकर देवता से अपने दिल की भावनाओं को सुंदर भाव-भंगिमाओं के साथ व्यक्त करते हैं. शिल्पग्राम के मुक्ताकाशी मंच पर यह नृत्य 19 महिला-पुरुष कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. इस नृत्य की वेशभूषा में नर्तकियां फने (लोअर), ख्वांग चेट (लोअर पर बांधने वाला वस्त्र), लेसन फुरित (कुर्ती) और कजेंग लेई (सिर पर टोपीनुमा वस्त्र) पहनती हैं, जबकि नर्तक फैजोम (धोती), लेसन फुरित (शर्ट) और निखम ख्वांग (पगड़ी) पहनते हैं.

महाराष्ट्र का ‘लावणी’ लोक नृत्य अपने शानदार गीत, संगीत और प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध है. ‘लावणी’ शब्द का अर्थ है खूबसूरती और यह नृत्य मराठी लोक नाट्य-शैली ‘तमाशा’ का अभिन्न हिस्सा है. इसमें नर्तकियां 9 मीटर लंबी साड़ी पहनकर वीरता, प्रेम और भक्ति जैसे भावों को दर्शाती हैं. इस नृत्य की विशेषता इसका संगीत, कविता, नृत्य और नाट्य कौशल का संगम है. लावणी नृत्य इतना लोकप्रिय है कि यह हिंदी फिल्मों में भी कई बार दिखाई दिया है और इसके कई गाने सुपरहिट हुए हैं.

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