गुजरात के अहमदाबाद स्थित ज़ेबर स्कूल फॉर चिल्ड्रन में आज सुबह का माहौल किसी भी अन्य सामान्य दिन की तरह था। छोटे-छोटे बच्चे अपने स्कूल बैग्स के साथ कक्षाओं में जाते हुए खुश दिख रहे थे। लेकिन, इस रोजमर्रा की चहल-पहल के बीच एक मासूम बच्ची, गार्गी (9), ने अचानक स्कूल की दहलीज पर अपनी अंतिम सांस ली।
अचानक मौत की खबर ने झकझोर दिया सभी को
गार्गी, जो कक्षा 3 की छात्रा थी, हमेशा की तरह सुबह स्कूल आई। वह स्वस्थ और खुश लग रही थी। लेकिन नियति ने उस मासूम के लिए कुछ और ही तय कर रखा था। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि वह अचानक जमीन पर गिर पड़ी। स्कूल प्रशासन ने तुरंत एंबुलेंस बुलाई और उसे पास के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन, डॉक्टर्स के मुताबिक, गार्गी को कार्डियक अरेस्ट हुआ था, और उन्हें उसे बचाने का मौका ही नहीं मिला।
बीमारी के बिना भी दिल का दौरा?
गार्गी के माता-पिता फिलहाल मुंबई में थे। उन्हें जब इस दुखद घटना की सूचना मिली, तो उनका संसार मानो उजड़ गया। स्कूल की प्रिंसिपल शर्मिष्ठा सिन्हा ने बताया कि गार्गी के स्वास्थ्य को लेकर पहले कभी कोई शिकायत नहीं थी। वह स्वस्थ और सामान्य जीवन जी रही थी।
डॉक्टरों का कहना है कि आजकल कम उम्र के बच्चों में भी कार्डियक अरेस्ट जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। तनाव, गलत खानपान, और पर्यावरणीय बदलाव भी इसके कारकों में से एक हो सकते हैं।
एक अनकहा संदेश छोड़ गई गार्गी
गार्गी की मौत ने स्कूल के हर बच्चे, शिक्षक और अभिभावक को गहरे सदमे में डाल दिया है। उसकी मुस्कान, उसकी मासूमियत, और उसका वह जीवन जो अभी अपने सपनों को आकार देने की दहलीज पर था सब कुछ एक पल में खत्म हो गया।
गार्गी की यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है। क्या हम अपने बच्चों के स्वास्थ्य और उनके मानसिक-शारीरिक विकास पर पर्याप्त ध्यान दे रहे हैं? क्या आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम उनकी मासूमियत और जीवन की नाजुकता को समझ पा रहे हैं?
मासूम की यादों को सलाम
गार्गी की इस असमय मृत्यु ने हर दिल को झकझोर दिया है। उसका छोटा-सा जीवन भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन वह एक गहरी छाप छोड़ गया है। वह हमें याद दिलाती है कि जीवन कितना अनिश्चित और कीमती है।
आज गार्गी हमारे बीच नहीं है, लेकिन उसकी स्मृति हमें हमेशा याद दिलाएगी कि हमें न केवल अपने जीवन, बल्कि अपने बच्चों की सेहत और खुशियों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। गार्गी, तुम्हें हर दिल याद करेगा।