गढ़ी और क्लेमेंटटाउन छावनी के रिहायशी क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। घंघोड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड को लेकर गढीकैंट और नगर निगम के अधिकारियों के बीच सहमति बन गई। अब फाइल केंद्र सरकार के पास है। अधिकारियों की नजरें केंद्र सरकार के निर्णय पर टिकी हुई हैं। माना जा रहा है कि पहले क्लेमेंटटाउन का नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है और उसके बाद गढी कैंट का।
कुछ दिन पूर्व आयोजित हुई बैठक में शहरी विकास विभाग के अपर सचिव, नगर आयुक्त नमामी बंसल, सीईओ क्लेमेंटटाउन अंकिता, गढ़ीकैंट हरेंद्र सिंह और रक्षा संपदा निदेशालय के अधिकारियों ने भाग लिया था। इस बैठक में नगर निगम ने मजबूती से अपनी बात रखी कि गढ़ीकैंट में स्थित घंघोड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड को उनको दिया जाए।
अब अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना
सीईओ गढ़ीकैंट ने इस पर मना कर दिया। इसके बाद नगर आयुक्त ने तर्क दिया कि रिहायशी एरिया नगर निगम के पास जाने के बाद घंघोड़ा में लगे कूड़ा निस्तारण प्लांट पर भार कम हो जाएगा। इसलिए नगर निगम को शेयरिंग के आधार पर इस प्लांट का प्रयोग करने दिया जाए, इसमें जो भी खर्च होगा उसे नगर निगम वहन करने को तैयार है।
इस पर दोनों अधिकारियों में सहमति बन गई। इसके अलावा यह भी तय हुआ कि जो पुराने पेंशनर हैं, उनकी पेंशन भारत सरकार की तरफ से ही दी जाएगी। जबकि जो स्टाफ नगर निगम में शामिल होगा उसकी तनख्वाह और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा नगर निगम को ही देना होगा। उधर क्लेमेंटटाउन के सारे मुद्दों पर सहमति लगभग पूर्व में ही बन चुकी है। अधिकारियों ने सहमति कर अपनी-अपनी रिपोर्ट बनाकर भेज दी है, जिसके बाद अब अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है।
गढ़ी कैंट में ही रहेगा प्रेमनगर
छावनी क्षेत्र का सबसे प्रमुख हिस्सा प्रेमनगर गढ़ी कैंट में ही रहेगा। पहले इसे भी नगर निगम को दिए जाने की तैयारी थी, लेकिन बाद में सेना ने सुरक्षा कारणों की वजह से इस पर आपत्ति दर्ज करा दी थी। सेना की ओर से आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद गढ़ीकैंट ने नया प्रस्ताव बनाकर भेजा था। इस पर पूर्व नगर आयुक्त गौरव कुमार ने घंघोड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड नगर निगम को दिए जाने की बात पूर्व बैठक में छावनी के अधिकारियों के सामने रख दी थी, लेकिन उस समय सहमति नहीं बन पाई थी।
एक साल पूर्व जारी किया गया था नोटिफिकेशन
छावनियों के रिहायशी एरिया को नगर निगम में शामिल करने का मामला पिछले साल शुरू हुआ था। केंद्र सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद शहरी विकास विभाग, नगर निगम, छावनी के अधिकारियों की कई बैठकें हुई। कई मुद्दों पर सहमति बनी तो कई पर नहीं। इसके बाद अब जाकर यह निर्णय लिया गया है।