नई दिल्ली:
भारतीय रेलवे ने एक ऐतिहासिक और सख्त फैसला लेते हुए 1 मई 2025 से वेटिंग लिस्ट यात्रियों को स्लीपर और एसी कोचों में यात्रा करने से पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। अब यदि किसी यात्री का टिकट वेटिंग में है, तो वह सिर्फ जनरल डिब्बे (सामान्य श्रेणी) में ही यात्रा कर सकता है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे बोर्ड ने यह निर्णय यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए लिया है। वर्षों से यह देखा जा रहा था कि वेटिंग लिस्ट टिकट लेकर भी यात्री स्लीपर और एसी कोचों में यात्रा करते हैं, जिससे न सिर्फ अधिक भीड़ होती है बल्कि आरक्षित यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
क्या बदला है नए नियम में?
- स्लीपर और एसी कोचों में केवल कन्फर्म टिकट वाले ही यात्रा कर सकेंगे।
- वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को इन डिब्बों में चढ़ने की अनुमति नहीं होगी।
- रेलवे टीटीई को ऐसे यात्रियों पर तत्काल कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
- जुर्माना, सीट से उतारना और भविष्य में आरक्षण पर प्रतिबंध जैसे दंड दिए जा सकते हैं।
जनरल कोच ही विकल्प
अब वेटिंग लिस्ट टिकट होने पर यात्री को केवल जनरल डिब्बे में खड़े होकर या बैठने की व्यवस्था मिलने पर यात्रा करनी होगी। हालांकि, इससे पहले ही उन्हें यह स्पष्ट जानकारी टिकट पर दे दी जाएगी कि उनका आरक्षण नहीं हुआ है और वे आरक्षित डिब्बे में प्रवेश नहीं कर सकते।
रेलवे की मंशा
रेल मंत्रालय का कहना है कि यह कदम:
- ओवरक्राउडिंग कम करने,
- कन्फर्म यात्रियों को बेहतर अनुभव देने,
- और टिकट प्रणाली को पारदर्शी और अनुशासित बनाने की दिशा में उठाया गया है।
सोशल मीडिया और यात्रियों की प्रतिक्रिया
रेलवे के इस फैसले पर यात्रियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोग इसे सकारात्मक बदलाव बता रहे हैं जो कि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जरूरी था, वहीं कुछ लोग इसे गरीब यात्रियों पर असर डालने वाला निर्णय कह रहे हैं, जिनके पास जनरल कोच में यात्रा करना हमेशा संभव नहीं होता।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, भविष्य में जनरल टिकट आरक्षण प्रणाली को और डिजिटल और अनुकूल बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है ताकि सभी यात्रियों को सीट मिल सके और अव्यवस्था खत्म हो।
1 मई 2025 से लागू यह नया नियम भारतीय रेलवे के इतिहास में एक बड़ा मोड़ हो सकता है। इससे ना सिर्फ रेल यात्राओं में अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि ट्रेनों में अराजकता और अव्यवस्था को भी रोकने में मदद मिलेगी। रेलवे ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले समय में डिजिटल आरक्षण और वास्तविक समय टिकट ट्रैकिंग को भी और बेहतर बनाया जाएगा।
