देशभर में सुरक्षा अलर्ट! 7 मई को सायरन बजेंगे, ब्लैकआउट होगा, नागरिकों को मिलेंगे युद्धकालीन निर्देश – गृह मंत्रालय ने जारी किया राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आदेश

– अमित शर्मा, विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली – देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आज एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs – MHA) ने एक आदेश जारी करते हुए 7 मई, बुधवार को पूरे भारत में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य देश की जनता को युद्ध जैसे हालात में आत्मरक्षा और सामूहिक बचाव के लिए प्रशिक्षित करना है।

क्या होंगे इस मॉक ड्रिल के प्रमुख बिंदु?

  • एयर रेड सायरन की टेस्टिंग: देश के विभिन्न क्षेत्रों में एयर रेड सायरन बजाए जाएंगे ताकि लोगों को वास्तविक हमले की स्थिति में चेतावनी की आदत पड़ सके।
  • ब्लैकआउट प्रोटोकॉल: ड्रिल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में निर्धारित समय पर बिजली बंद की जाएगी ताकि दुश्मन की हवाई निगरानी से बचा जा सके।
  • कैमोफ्लाज और शेल्टर ट्रेनिंग: नागरिकों, स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों में शरण स्थानों (shelters) की जानकारी दी जाएगी और उन्हें इनका प्रयोग सिखाया जाएगा।
  • छात्रों व आम नागरिकों का प्रशिक्षण: स्कूलों, यूनिवर्सिटीज़ और सार्वजनिक स्थलों पर मॉक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सिखाया जाएगा कि हवाई हमले, रासायनिक हमले या बमबारी की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

गृह मंत्रालय ने क्यों लिया यह कदम?

सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की सिफारिश पर लिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में आसमान से होने वाले संभावित खतरों, ड्रोन हमलों, और साइबर तथा रासायनिक युद्ध जैसे परिदृश्यों को लेकर चिंता जताई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक सुरक्षा अभ्यास की रूपरेखा बनाई गई है।

NSA डोभाल की पीएम से मुलाकात – क्या है संकेत?

इस बड़ी ड्रिल की घोषणा के तुरंत बाद NSA अजीत डोभाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि यह मुलाकात केवल औपचारिक नहीं, बल्कि किसी संभावित खतरे या राष्ट्रीय रणनीति से जुड़ी बेहद संवेदनशील चर्चा के तहत हो रही है। सुरक्षा मामलों के जानकार इसे आने वाले समय में भारत की रक्षा नीतियों में संभावित बदलाव की ओर संकेत मान रहे हैं।

क्या यह सिर्फ मॉक ड्रिल है या किसी बड़े खतरे का पूर्वाभ्यास?

सरकार की ओर से इसे “मॉक ड्रिल” कहा गया है, लेकिन इसके स्वरूप, शामिल प्रोटोकॉल्स, और सुरक्षा एजेंसियों की भागीदारी को देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि किसी संभावित संकट से पहले की तैयारी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस समय वैश्विक तनाव बढ़ा हुआ है, खासकर एशिया में चीन और पाकिस्तान की गतिविधियाँ भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।

आम नागरिकों के लिए विशेष निर्देश

  1. 7 मई को सुबह से ही अलर्ट रहें – स्थानीय प्रशासन द्वारा समय व स्थान की सूचना दी जाएगी।
  2. सायरन की आवाज सुनते ही शांत रहें और निर्देशों का पालन करें
  3. अपने बच्चों, बुजुर्गों और परिजनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं
  4. सरकारी पोर्टल या हेल्पलाइन से जानकारी प्राप्त करें, अफवाहों से बचें।

निष्कर्ष में…

7 मई को भारत के नागरिक सिर्फ एक अभ्यास का हिस्सा नहीं होंगे, बल्कि एक ऐसे आयोजन का हिस्सा बनेंगे जो हमें राष्ट्र की रक्षा में हमारी भूमिका का बोध कराएगा। ‘रक्षा सिर्फ सेनाओं का काम नहीं, जनभागीदारी भी उतनी ही आवश्यक है।’ इसी उद्देश्य से भारत एक नए सुरक्षा युग में कदम रख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *