भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा गुप्त रूप से अंजाम दिए गए #OperationSindoor ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को हिला कर रख दिया है। इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अज़हर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए, जिनमें उसका बेटा, भतीजा, बहू और मासूम बच्चे तक शामिल हैं। इस बड़े नुकसान के बाद अब मसूद अज़हर का एक पत्र, जिसे पाकिस्तान की मीडिया में “कनक लेटर” कहा जा रहा है, तेजी से वायरल हो रहा है।

यह पत्र मज़हबी लहजे में लिपटा हुआ एक भावुक स्वीकृति-पत्र है जिसमें मसूद अज़हर ने स्वयं स्वीकार किया है कि उसके परिवार को निशाना बनाया गया है। उसने अल्लाह का हवाला देकर इसे शहादत का जश्न बताने की कोशिश की है, लेकिन भीतर का दर्द उसकी हर लाइन से झलकता है।
मसूद अज़हर का कनक लेटर: आतंक की भाषा में मातम का इज़हार
“बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम… ज़ुल-कायदा ला… मलिक-उल-मुल्क के मेहमान…”
“मेरे परिवार के दस सदस्यों को आज रात एक साथ यह खुशी मिली। मेरे विद्वान भांजे और उनकी पत्नी, मेरी प्रिय फाज़िला भानजी, प्यारे भाई हुज़ैफ़ा और उनकी माँ – सभी अल्लाह के मेहमान बन गए।
मोदी ने मासूम बच्चों, पर्दानशीन महिलाओं और बुज़ुर्गों को निशाना बनाया।
हमारे एक घर में कुल चार बच्चे थे – सात साल से लेकर तीन साल तक। वे सभी स्वर्ग सिधार गए। ये वही हैं जिनसे अल्लाह प्यार करता है। यह उनके प्रस्थान का समय था…”
“लेकिन कोई अफसोस नहीं… बार-बार दिल में आता है कि मैं भी इस ‘चौदह सदस्यीय खुश कारवां’ में शामिल हो जाऊं…”
“आज शाम चार बजे इस धन्य कारवां का अंतिम संस्कार बहावलपुर में होगा…”
भारत की कूटनीतिक चुप्पी, लेकिन सैन्य स्पष्टता
भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से इस ऑपरेशन की कोई पुष्टि नहीं की है, लेकिन घटनाक्रम और पाकिस्तान की घबराहट अपने आप बहुत कुछ कहती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक असाधारण स्तर की इंटेलिजेंस-ड्रिवन स्ट्राइक थी, जो पाकिस्तान के भीतर ही आतंक के सिरोत्तम ठिकानों पर की गई।
मोदी है तो मुमकिन है – फिर से हुआ साबित
सोशल मीडिया पर यह वाक्य फिर गूंज रहा है – “मोदी है तो मुमकिन है”। देशभर में लोग इस ऑपरेशन की सफलता का जश्न मना रहे हैं और इसे 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक से भी बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं।
पीएम मोदी ने यूरोप दौरा टाला – कूटनीति से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 13–17 मई का प्रस्तावित नॉर्वे, क्रोएशिया और नीदरलैंड्स दौरा अब स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय इस ऑपरेशन के बाद उत्पन्न कूटनीतिक और सुरक्षा स्थितियों के दृष्टिगत लिया गया है।
मसूद अज़हर का पत्र भले ही शहीदों की भाषा में लिखा गया हो, लेकिन भारत के लिए यह एक स्पष्ट संदेश है – अब आतंकवाद के पीछे छिपने की कोई जगह नहीं बची। भारत अब केवल सुनता नहीं, जवाब देता है – और जवाब ऐसा देता है कि इतिहास में दर्ज हो जाए।
