उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने आगामी बकरीद (Eid-ul-Adha) से पहले एक बेहद सख्त और स्पष्ट एडवाइजरी जारी की है, जिसने राज्यभर में न सिर्फ प्रशासन को अलर्ट मोड पर ला दिया है, बल्कि आम जनमानस में भी इस बार की बकरीद को लेकर नए नियमों पर चर्चा तेज़ कर दी है।
✦ क्या है योगी सरकार की चार सूत्रीय सख्त एडवाइजरी?
1. साफ़-सफाई है पहली प्राथमिकता
बकरीद के मौके पर स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि त्योहार के दौरान सार्वजनिक जगहों की साफ़-सफाई बनाए रखना अनिवार्य है, विशेषकर उन इलाकों में जहां मुस्लिम समुदाय की आबादी अधिक है।
2. कुर्बानी सिर्फ चिन्हित स्थानों पर ही होगी
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सड़क किनारे, गली-चौराहे या सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी पर पूरी तरह प्रतिबंध है। कुर्बानी केवल स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही दी जा सकेगी। यह क़दम भीड़भाड़ से बचाव और कानून-व्यवस्था को शांत रखने के लिए उठाया गया है।
3. खून नालियों में नहीं, ज़मीन में दबाएं – पौधों के लिए बने खाद
एक बेहद दिलचस्प और वैज्ञानिक रूप से ठोस निर्देश में कहा गया है कि जानवरों का खून नालियों या सार्वजनिक जलप्रवाह में नहीं बहाना चाहिए। इसके बजाय कच्ची ज़मीन में दबा दिया जाए जिससे वह पौधों के लिए उर्वरक का काम करे।
यह न सिर्फ पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक प्रगतिशील निर्देश है बल्कि धार्मिक परंपरा में विज्ञान को जोड़ने की एक अनूठी मिसाल भी है।
4. सोशल मीडिया पर कुर्बानी के फोटो-वीडियो पर रोक
सरकार ने बेहद संवेदनशील बिंदु को छूते हुए कहा है कि कुर्बानी के दौरान ली गई तस्वीरें या वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा।
धार्मिक भावनाओं को भड़काने या सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की आशंका को रोकने के लिए यह आदेश दिया गया है। आदेश में यह भी जोड़ा गया है कि किसी ने अगर इसका उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
⚖️ “आस्था और अनुशासन का संतुलन चाहिए” – CM योगी का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार कह चुके हैं कि “कोई भी त्योहार सार्वजनिक असुविधा का कारण नहीं बनना चाहिए। आस्था अपनी जगह है, लेकिन अनुशासन और कानून सर्वोपरि है।”
इस निर्देश के बाद अब ज़िला प्रशासन, पुलिस और नगर निगमों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इन नियमों का सख्ती से पालन कराएं। साथ ही ड्रोन निगरानी, CCTV और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल भी एक्टिवेट कर दिए गए हैं।
📣 विपक्ष की चुप्पी या सधी प्रतिक्रिया?
जहां सरकार इसे सामाजिक सौहार्द और पर्यावरणीय जागरूकता से जोड़ रही है, वहीं विपक्ष अभी तक या तो चुप है या बेहद सधी प्रतिक्रिया दे रहा है। कुछ धार्मिक संगठनों ने इस पर सहमति जताई है लेकिन इस बात की भी आशंका जताई है कि आदेश के पालन में कहीं प्रशासनिक ज्यादती न हो।
🕊️ त्योहार उल्लास का है, उन्माद का नहीं
बकरीद त्याग, समर्पण और अल्लाह की रज़ा पाने का पर्व है। योगी सरकार की यह एडवाइजरी बताती है कि राज्य अब धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सार्वजनिक अनुशासन और सामाजिक समरसता को एक साथ साधना चाहता है।