बॉलीवुड की चकाचौंध और ग्लैमर की दुनिया में एक चमकता सितारा थीं ग्रेसी सिंह, जिन्होंने लगान जैसी ऐतिहासिक फिल्म में आमिर खान के साथ मुख्य भूमिका निभाकर देश-विदेश में अपनी एक खास पहचान बनाई। लेकिन अब वही ग्रेसी सिंह एक अलग ही रास्ते पर चल पड़ी हैं—जहाँ ना रेड कार्पेट है, ना कैमरों की चमक, बल्कि है आध्यात्म की गहराई और आत्मिक शांति की खोज।
ग्रेसी सिंह ने अब विवाह न करने का निर्णय लेते हुए अपना जीवन पूरी तरह ब्रह्मकुमारी संस्था के सेवाकार्यों और साधना को समर्पित कर दिया है। बॉलीवुड से एकदम अलग इस दिशा में उनका झुकाव पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, वे लगातार ब्रह्मकुमारी संगठन के आध्यात्मिक कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं और अपने जीवन को सेवा, ध्यान और आत्मिक जागरण में रमा चुकी हैं।

जहाँ एक ओर हर कोई फिल्मी दुनिया की दौड़ में आगे निकलने की होड़ में रहता है, वहीं ग्रेसी सिंह का यह साहसिक कदम वाकई प्रेरणा देने वाला है। उन्होंने फिल्मों से धीरे-धीरे दूरी बनाई और अंततः वह स्थायी रूप से आध्यात्म की राह पर अग्रसर हो गईं।
‘लगान’ की गौरि अब किसी फिल्म की स्क्रीन पर नहीं, बल्कि आत्मा की स्क्रीन पर शांति और प्रेम का प्रकाश बिखेर रही हैं। उनका यह निर्णय उनके प्रशंसकों को भले चौंकाए, पर कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि असली सफलता केवल प्रसिद्धि में नहीं, बल्कि आंतरिक संतुलन और आत्मिक संतोष में छुपी होती है।
आज जब बॉलीवुड की दुनिया अस्थिर रिश्तों और असंतोष की कहानियों से भरी पड़ी है, ग्रेसी सिंह जैसी अभिनेत्री का यह कदम एक नया संदेश देता है—कि शांति, सेवा और साधना भी जीवन के मुख्य किरदार हो सकते हैं।
