बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीट बंटवारे पर लगभग अंतिम सहमति बना ली है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, बीजेपी और जेडीयू में लगभग बराबरी का समझौता हुआ है, जबकि अन्य घटक दलों को भी व्यावहारिक हिस्सेदारी दी गई है।
संभावित सीट बंटवारा इस प्रकार है:
- जनता दल यूनाइटेड (JDU) : 102 सीटें
- भारतीय जनता पार्टी (BJP) : 101 सीटें
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) – चिराग पासवान : 18 से 22 सीटें
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) : 7 से 9 सीटें
- राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) – उपेंद्र कुशवाहा : 7 से 9 सीटें
सूत्रों का कहना है कि ये फार्मूला शीर्ष नेतृत्व के बीच कई दौर की बैठकों के बाद तैयार हुआ है और अब इसे अंतिम रूप देने से पहले स्थानीय समीकरणों की अंतिम समीक्षा की जा रही है।
BJP-JDU में ‘समान भागीदारी’ का संदेश
BJP और JDU में सीटों की लगभग बराबरी यह संकेत देती है कि दोनों दलों के बीच विश्वास की बहाली हो चुकी है और वे खुद को 2020 की तरह ‘नैचुरल अलायंस’ के तौर पर प्रस्तुत करना चाहते हैं।
चिराग पासवान को NDA में सम्मानजनक जगह
2019 और 2020 में एनडीए के भीतर टकराव के बाद चिराग पासवान को इस बार करीब दो दर्जन सीटें दिए जाने की बात है, जो यह दिखाता है कि भाजपा उन्हें अब पूरी तरह अपने साथ लेकर चलना चाहती है। चिराग पासवान की लोकप्रियता खासतौर पर युवा और दलित मतदाताओं के बीच मानी जाती है।
RLM और HAM को सीमित लेकिन रणनीतिक हिस्सेदारी
HAM और RLM को सीमित सीटें दी जा रही हैं, लेकिन दोनों दलों का प्रभाव कुछ खास क्षेत्रों में निर्णायक माना जाता है, जिससे उनका शामिल रहना गठबंधन के लिए आवश्यक है।
जनकल्याण योजनाओं की झड़ी लगेगी
NDA की ओर से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि बिहार सरकार आने वाले दिनों में कई नई जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा करेगी। इनमें खासतौर पर गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं को केंद्र में रखकर योजनाएं लाई जाएंगी।
राजनीतिक संदेश साफ है — NDA इस बार न सिर्फ संगठित दिखना चाहता है, बल्कि जनहित से जुड़े फैसलों और योजनाओं के ज़रिए भावनात्मक जुड़ाव भी मजबूत करना चाहता है।
