राजस्थान का ‘गिव अप अभियान’ बना राष्ट्रीय मॉडल: अपात्रों ने छोड़ा हक, जरूरतमंदों को मिला अधिकार — राजसमंद जिले में 1.5 लाख लोगों ने स्वेच्छा से छोड़ी खाद्य सुरक्षा योजना

 

जयपुर, 10 अक्टूबर।
राजस्थान सरकार की ‘गिव अप अभियान’ पहल अब एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में सामने आ रही है। इस अभियान के अंतर्गत राज्यभर में लाखों सक्षम नागरिकों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) का लाभ छोड़कर वास्तविक जरूरतमंद परिवारों के लिए रास्ता खोला है।

राजसमंद जिले में यह पहल विशेष रूप से उल्लेखनीय रही, जहाँ 81,696 अपात्र व्यक्तियों ने अपनी मर्जी से खाद्य सुरक्षा योजना छोड़ी, जबकि ई-केवाईसी नहीं कराने वाले 69,666 व्यक्तियों को विभाग द्वारा सूची से बाहर किया गया। इस प्रकार कुल 1,51,362 अपात्र व्यक्तियों को सूची से हटाया गया है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री सुमित गोदारा ने शुक्रवार को राजसमंद कलेक्ट्रेट में विभागीय समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने राशन आवंटन, वितरण प्रणाली, उचित मूल्य की दुकानों की कार्यप्रणाली और गिव अप अभियान की प्रगति की समीक्षा की।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह अभियान इसलिए शुरू किया था ताकि खाद्य सुरक्षा योजनाओं का लाभ केवल पात्र, निर्धन और जरूरतमंद लोगों तक पहुँचे। उन्होंने बताया कि अब तक पूरे प्रदेश में 38 लाख से अधिक अपात्र व्यक्तियों ने स्वेच्छा से योजना का लाभ छोड़कर एक मिसाल कायम की है।

उन्होंने कहा—“राजसमंद जिले ने पूरे प्रदेश में आदर्श प्रस्तुत किया है। यहाँ अपात्र व्यक्तियों ने आत्म-सजगता दिखाते हुए योजना का त्याग किया और 94,428 नए पात्र व्यक्तियों को इसमें जोड़ा गया है। यह सामाजिक जिम्मेदारी और प्रशासनिक पारदर्शिता दोनों का उत्कृष्ट उदाहरण है।”

मंत्री गोदारा ने बताया कि राज्य स्तर पर अब तक 66 लाख नवीन व्यक्तियों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है। ये नवीन पंजीकृत परिवार अब सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे रियायती दरों पर गैस सिलेंडर, निशुल्क उपचार, मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना में 5 लाख रुपए के सुरक्षा कवच का लाभ उठा सकेंगे।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभियान की निरंतर समीक्षा करते रहें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र परिवार योजनाओं से वंचित न रहे।

मंत्री गोदारा ने कहा कि “गिव अप अभियान” केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह सामाजिक आत्मजागरूकता का आंदोलन बन चुका है। इसने यह संदेश दिया है कि जब सक्षम नागरिक अपने हक का त्याग करते हैं, तो वह किसी जरूरतमंद के जीवन में उम्मीद की किरण जगाते हैं।

राजसमंद जिले की इस सफलता पर मंत्री ने जिला प्रशासन की मुक्तकंठ से सराहना की। बैठक में विधायक श्री हरि सिंह रावत, श्री जगदीश पालीवाल, जिला कलक्टर श्री अरुण कुमार हसीजा, जिला रसद अधिकारी विजय सिंह सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

यह अभियान राजस्थान की सुस्पष्ट नीति, पारदर्शी प्रशासन और सामाजिक उत्तरदायित्व का जीवंत प्रमाण बनकर देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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