इगास पर्व पर मुख्यमंत्री आवास में उमड़ा लोक संस्कृति का रंग — उल्लास, परंपरा और आस्था का अद्भुत संगम

देहरादून, 01 नवम्बर 2025


पारंपरिक धुनों पर थिरका मुख्यमंत्री आवास

उत्तराखंड की लोक परंपराओं और सांस्कृतिक गौरव का जीवंत प्रतीक ‘इगास–बूढ़ी दीवाली’ इस वर्ष मुख्यमंत्री आवास में हर्ष और उल्लास के साथ भव्य रूप में मनाई गई। देवभूमि की इस परंपरा को समर्पित आयोजन में राज्यपाल गुरमीत सिंह की उपस्थिति और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मेजबानी ने पर्व को विशिष्ट बना दिया। पूरा परिसर ढोल–दमाऊ, रणसिंघा और लोकगीतों की स्वर लहरियों से गूंज उठा।

मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा—“इगास हमारी सांस्कृतिक अस्मिता, लोक आस्था और सामूहिक भावना का प्रतीक है। हमारी लोक संस्कृति हमारी आत्मा है, इसे बचाना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हम सभी का कर्तव्य है।”


लोक संस्कृति के रंग में रंगा उत्सव

इस अवसर पर उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों, गायकों और विभिन्न जिलों से आए सांस्कृतिक दलों ने हारुल, झूमेंलो, चांचरी, थड़िया, जागर और अन्य लोकनृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। लोक धुनों की थाप पर पूरा वातावरण आनंदमय हो उठा। मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं भी कलाकारों के बीच पहुँचकर उनकी प्रस्तुति का आनंद लिया और उन्हें प्रोत्साहित किया।


“भेलों” खेलकर बढ़ाया उत्साह

इगास उत्सव के पारंपरिक क्रम के तहत मुख्यमंत्री ने लोक परंपरा का निर्वाह करते हुए परंपरागत “भेलों” भी खेला। बुजुर्गों, युवाओं और बच्चों ने मुख्यमंत्री के साथ उल्लासपूर्वक भाग लिया। यह दृश्य पर्वतीय संस्कृति की आत्मा को साकार करता नजर आया।


लोक कलाकारों का सम्मान

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में शामिल सभी कलाकारों व प्रतिभागियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोक कलाकारों के उत्थान, लोक परंपराओं को बढ़ावा देने और “कल्चर बेस्ड रोजगार” को प्रोत्साहन देने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।


“तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक”

इगास पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प-वाक्य को दोहराते हुए कहा—“तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा।” उन्होंने कहा कि यह दशक राज्य के समग्र विकास, रोजगार सृजन, पर्यटन विस्तार और युवा सशक्तिकरण का दशक बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाना है। यह केवल घोषणा नहीं, बल्कि उत्तराखंड के उज्ज्वल भविष्य का लक्ष्य है।


प्रवासी उत्तराखंडियों की भूमिका पर बल

मुख्यमंत्री ने प्रवासी उत्तराखंडियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि अब प्रवासीजन भी इगास जैसे लोक पर्वों पर अपने पैतृक गांवों की ओर लौट रहे हैं, जो सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संकेत है। उन्होंने विश्वभर में बसे उत्तराखंडियों से अपील की कि वे भी अपने गांवों में लोक पर्व मनाएं और अपनी जड़ों से जुड़े रहें।


संस्कृति के दीप से आलोकित हुआ मुख्यमंत्री आवास

मुख्यमंत्री ने कहा—“इस इगास पर संकल्प लें कि न केवल अपने घरों में दीप जलाएँ, बल्कि अपने मन में भी अपनी संस्कृति के प्रति गर्व का दीप प्रज्ज्वलित रखें।”
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और प्रवासी उत्तराखंडी शामिल रहे।

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