हाईकोर्ट शिफ्टिंग पर रखी उद्यमियों ने अपनी राय, बोले- HC शिफ्ट हुआ तो क्या रहेगा कुमाऊं में
हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर चल रही कवायद पर रार थमने का नाम नहीं ले रही है। महिलाओं, अधिवक्ताओं, कर्मचारियों और व्यापारियों के बाद अब कुमाऊं के उद्यमी भी नहीं चाहते कि यहां से हाईकोर्ट को गढ़वाल में शिफ्ट किया जाए। उनका कहना है कि हाईकोर्ट ही तो कुमाऊं में एकमात्र बड़ी संस्था है। यदि इसे भी गढ़वाल शिफ्ट कर दिया जाएगा तो कुमाऊं में क्या ही रह जाएगा। ऊधमसिंह नगर जिले के उद्यमियों ने तो हाईकोर्ट को हल्द्वानी या उनके जिले में स्थापित करने की पैरवी की है।
उच्च न्यायालय को अगर शिफ्ट ही किया जाना है तो उसके लिए सबसे उपयुक्त काशीपुर और रामनगर के आसपास का इलाका है। इससे पूरे प्रदेश के वादकारियों को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
-राजीव घई, काशीपुर डेवलपमेंट फोरम अध्यक्ष व उद्योगपति
हाईकोर्ट के लिए हल्द्वानी में जमीन चिह्नित है, लेकिन रुद्रपुर ज्यादा बेहतर है। नैनीताल में किसी केस की पैरवी पर जाने पर पूरा दिन खपाना पड़ता है। पर्यटन सीजन के साथ ही ठंड में नैनीताल में भारी दिक्कतें होती हैं। हाईकोर्ट को कुमाऊं से बाहर शिफ्ट नहीं करना चाहिए।
– श्रीकर सिन्हा, अध्यक्ष, सिडकुल इंटरप्रिन्योर वेलफेयर सोसायटी।
रामनगर-काशीपुर के बीच ऊधमसिंह नगर क्षेत्र में हाईकोर्ट की स्थापना कर दी जाए। यहां से कुमाऊं व गढ़वाल दोनों के निवासियों के लिए हाईकोर्ट आने- जाने में सुगमता होगी। हाईकोर्ट को कुमाऊं से बाहर शिफ्ट नहीं करना चाहिए।
– कृष्ण सत्यवली, अध्यक्ष, सितारगंज सिडकुल इंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन।
तराई के रुद्रपुर में हाईकोर्ट को शिफ्ट किया जाना चाहिए। व्यापारियों के जीएसटी संबंधी केसों के लिए हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ता है। ऐसे में ऋषिकेश हाईकोर्ट होने से भारी कठिनाइयां सामने आएंगी। रुद्रपुर से गढ़वाल व कुमाऊं के सभी जिलों के लोग आसानी से आ जा सकेंगे।
– सौरभ सिंघल, अध्यक्ष राइस मिलर्स एसोसिएशन।कुमाऊं में हाईकोर्ट का अहम स्थान है। हाईकोर्ट को अगर शिफ्ट करना ही है तो गौलापार उपयुक्त जगह है। सरकार को भी इसको लेकर आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।