उत्तराखंड

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का चंपावत में विरोध, शिक्षक व कर्मचारियों ने जलाई NPS और UPS कानून की प्रतियां

पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (एनएमओपीएस ) उत्तराखंड के आव्हान पर प्रदेश में 1 अक्टूबर 2005 से लागू हुई नई पेंशन स्कीम (NPS) और वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित यूनिफाइड पेंशन स्कीम ( UPS) के काले कानून के विरोध में आज मंगलवार को एनएमओपीएस जिलाध्यक्ष गोविन्द मेहता और जिला मंत्री प्रकाश तड़ागी के नेतृत्व में जनपद के सभी शिक्षक कर्मचारियों द्वारा अपने अपने विद्यालयों और कार्यालयों में एनपीएस और यूपीएस कानून की प्रतियां जला कर विरोध प्रदर्शन किया गया।

यूनिफाइड पेंशन स्कीम का चंपावत में विरोध

एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष गोविंद मेहता ने कहा हमारे प्रदेश में 1 अक्टूबर 2005 से पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) को समाप्त कर और पेंशन का नया काला कानून एनपीएस प्रदेश के शिक्षक, कर्मचारियों पर जबरदस्ती लागू किया गया। जिसके विरोध में प्रदेश के सभी शिक्षक कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं।

शिक्षक व कर्मचारियों ने जलाई NPS और UPS कानून की प्रतियां

एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष ने कहा कि इस कानून के विरोध में 26 सितंबर 2024 को देश के सभी जिला मुख्यालयों में पेंशन आक्रोश मार्च निकाला गया था। जिसमें हजारों की संख्या में शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया था। एनपीएस के विरोध में पिछले साल देश भर के सभी कर्मचारी, शिक्षकों द्वारा एक अक्टूबर को पेंशन पुरुष विजय कुमार बंधु के नेतृत्व में दिल्ली के रामलीला मैदान में पेंशन शंखनाद रैली का आयोजन किया गया था।

जिसमें देश भर से लाखों की संख्या शिक्षक, कर्मचारी एकत्रित हुए थे। इसके साथ ही जिले चंपावत के सभी विभागों के लगभग एक हजार से अधिक शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया था। मेहता ने बताया आज के कार्यक्रम को जिले के सभी कर्मचारी और शिक्षक संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में एनपीएस और यूपीएस पेंशन कानून की प्रतियां जलाई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button