उत्तराखंड अब सिर्फ आध्यात्मिकता का केंद्र नहीं, बल्कि धार्मिक पर्यटन के ज़रिये आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री ने शासकीय आवास पर आयोजित बैठक में अधिकारियों को प्रदेश में दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
इन जोनों का उद्देश्य सिर्फ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि उससे जुड़े स्थानीय रोजगार, हस्तशिल्प, योग-वेलनेस, और धार्मिक सेवाओं की पूरी चेन को आर्थिक तौर पर सशक्त करना है। इससे उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि त्रियुगीनारायण जैसे स्थलों को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की जो योजना चल रही है, उसे अब कागज़ों से धरातल पर उतारने का समय आ गया है। इसमें तेजी लाने के साथ-साथ राज्य के अन्य संभावित धार्मिक स्थलों को भी इसी ढांचे में शामिल करने की बात कही गई।
इन स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन में आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक अनुभव भी शामिल किए जाएंगे — जैसे:
धार्मिक यात्रियों के लिए समर्पित टाउनशिप
स्थानीय उत्पादों और कारीगरी का बाज़ार
आयुर्वेद, योग, ध्यान और वेलनेस सेंटर
धार्मिक-ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण और प्रचार की योजना
यह पहल न केवल उत्तराखंड की आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक पहचान दिलाएगी, बल्कि आर्थिक रूप से राज्य को भी सशक्त बनाएगी।
