28 जुलाई को उत्तरी कश्मीर के दाछीगाम के घने जंगलों में जबरदस्त गोलियों की गूंज ने आतंक के नापाक मंसूबों को चकनाचूर कर दिया। भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन ‘महादेव’ ने तीन खूंखार पाकिस्तानी आतंकियों को मौत की नींद सुला दिया। अब इस साहसिक कार्रवाई में शामिल जवानों को खुद उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने सम्मानित किया है।
लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा मंगलवार को चिनार कोर और दाछीगाम इलाके का दौरा करने पहुंचे। यहां उन्होंने ऑपरेशन महादेव में भाग लेने वाले जवानों को न केवल बधाई दी, बल्कि उनके अदम्य साहस, सटीक कार्रवाई और अद्वितीय तालमेल की जमकर सराहना की।
महादेव चोटी के पास हुआ घमासान
ऑपरेशन महादेव की योजना खास खुफिया इनपुट पर आधारित थी। जानकारी मिली थी कि लिदवास इलाके में महादेव पीक के पास तीन विदेशी आतंकी छिपे हैं — ये वही आतंकी थे जो हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे। इसके बाद 4 पैरा स्पेशल फोर्स, 24 राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें घने जंगलों में उतरीं।
जैसे ही सुरक्षाबलों ने आतंकियों को चारों तरफ से घेरा, एक भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई। गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच जवानों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। ऑपरेशन के बाद घटनास्थल से दो AK सीरीज़ राइफल, एक M4 राइफल, भारी मात्रा में गोला-बारूद और युद्ध सामग्री बरामद की गई।
आतंकी नेटवर्क पर करारा वार
लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने कहा, “यह ऑपरेशन न सिर्फ तीन खतरनाक आतंकियों को खत्म करने वाला था, बल्कि इससे पूरे इलाके में आतंकियों की कमर टूट गई है। यह हमारी सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय और कार्यकुशलता का उदाहरण है।”
सेना का कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद इलाके में आतंकी नेटवर्क को गहरी चोट पहुंची है। सुरक्षाबलों की सतर्कता अब और अधिक बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि को समय रहते कुचला जा सके।
ऑपरेशन जारी रहेगा
हालांकि तीन आतंकियों की मौत से एक बड़ी जीत जरूर मिली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां मानती हैं कि घाटी में आतंकी गतिविधियों के पीछे अब भी पाकिस्तान का हाथ बना हुआ है। इसलिए इलाके में गश्त, तलाशी और निगरानी लगातार जारी रहेगी।
साफ है कि ऑपरेशन महादेव ने एक बार फिर साबित कर दिया है — भारतीय सेना और सुरक्षा बल आतंक के खिलाफ हर मोर्चे पर पूरी तरह तैयार हैं। और जब बात मातृभूमि की रक्षा की हो, तो ‘महादेव’ की जयकार गूंजती है और दुश्मन की रूह कांप जाती है।