उत्तराखंड में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण, 2003 की वोटर लिस्ट से होगा मिलान

उत्तराखंड में जल्द ही मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) शुरू होने जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत वर्ष 2025 की मतदाता सूची का मिलान सीधे वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट से किया जाएगा। यदि किसी मतदाता का नाम 2003 की सूची में दर्ज नहीं पाया जाता है, तो उन्हें अपनी पहचान और पात्रता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

सचिवालय में हुई अहम बैठक

गुरुवार को सचिवालय में आयोजित बैठक की अध्यक्षता मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने की। इस बैठक में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। टेबल टॉप एक्सरसाइज के जरिए आयोग ने एसआईआर की तैयारियों और अमल के विभिन्न चरणों पर विस्तार से चर्चा की।

चार श्रेणियों में बांटे जाएंगे मतदाता

आयोग ने पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं को चार श्रेणियों में विभाजित किया है:

  • श्रेणी A – जिन मतदाताओं का नाम 2025 की वोटर लिस्ट में दर्ज है और उनकी आयु 38 वर्ष या उससे अधिक है। यदि उनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में भी है, तो उन्हें केवल एब्सट्रेक्ट प्रस्तुत करना होगा।
  • श्रेणी B – 38 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले मतदाता जिनका नाम 2025 की वोटर लिस्ट में तो है, लेकिन 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है। ऐसे मतदाताओं को 11 मान्य दस्तावेजों (पासपोर्ट, आधार, पैन कार्ड, बैंक पासबुक आदि) में से कोई एक प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
  • श्रेणी C – 20 से 37 वर्ष आयु वर्ग के मतदाता जिनका नाम 2025 की वोटर लिस्ट में शामिल है।
  • श्रेणी D – 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के नए मतदाताओं को अपने दस्तावेजों के साथ माता-पिता का एक दस्तावेज भी प्रस्तुत करना होगा।

2003 की वोटर लिस्ट सार्वजनिक

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने प्रदेश की 2003 की मतदाता सूची जारी कर दी है। सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को अपना नाम इस सूची में देखना होगा। यदि किसी मतदाता को आयोग के निर्णय से असंतोष है, तो वह 15 दिन के भीतर जिला मजिस्ट्रेट (DM) के समक्ष अपील कर सकता है। समाधान न मिलने की स्थिति में, 30 दिन के भीतर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के समक्ष दूसरी अपील भी की जा सकेगी।

बूथ लेवल एजेंट्स की कमी

बैठक में सीईओ डॉ. पुरुषोत्तम ने इस महत्वपूर्ण तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि प्रदेश में कुल 11,733 पोलिंग बूथ हैं। नियमों के अनुसार प्रत्येक बूथ पर राजनीतिक दलों को बीएलए (Booth Level Agent) नियुक्त करना चाहिए, लेकिन अब तक केवल 2744 बीएलए ही नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से शेष नियुक्तियों को जल्द से जल्द पूरा करने की अपील की।

पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया की ओर कदम

आयोग का यह कदम मतदाता सूची को और अधिक पारदर्शी, विश्वसनीय और त्रुटिरहित बनाने की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है। 2003 की मतदाता सूची को आधार बनाकर मिलान करना एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता और साख को और मजबूती मिलेगी।

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