देहरादून। उत्तराखण्ड पुलिस के लिए यह गर्व का क्षण है। राज्य के प्रतिभाशाली आईपीएस अधिकारी श्री लोकेश्वर सिंह का चयन संयुक्त राष्ट्र (UN) से सम्बद्ध एक अंतरराष्ट्रीय संगठन में हुआ है। इस चयन ने न केवल प्रदेश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि भारत की भूमिका को भी वैश्विक मंच पर और अधिक सशक्त किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पौड़ी के पद पर कार्यरत 2014 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी श्री लोकेश्वर सिंह ने अपनी मेहनत, निष्ठा और दूरदर्शी नेतृत्व से उत्तराखण्ड पुलिस में एक अलग पहचान बनाई है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी यह भूमिका उनके करियर का नया अध्याय है, जहां वे संस्थागत अखंडता (Institutional Integrity), शांति स्थापना (Peacebuilding) और सतत विकास (Sustainable Development) जैसे वैश्विक लक्ष्यों में योगदान देंगे।
11 वर्षों की उल्लेखनीय सेवाएं
अपने 11 वर्षों की सेवाओं में श्री सिंह ने उत्तराखण्ड के कई जिलों — हरिद्वार, देहरादून, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और वर्तमान में पौड़ी में — उत्कृष्ट नेतृत्व और संवेदनशीलता के साथ कार्य किया है। उन्होंने कानून-व्यवस्था को मजबूत करने, अपराध नियंत्रण और पुलिसिंग में तकनीकी सुधार को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
उत्तराखण्ड पुलिस में उनकी छवि एक सख्त लेकिन संवेदनशील अधिकारी के रूप में रही है। वे न केवल अपराध नियंत्रण में कुशल हैं बल्कि जनता से संवाद और भरोसे को प्राथमिकता देने वाले अधिकारी के रूप में भी जाने जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर उत्तराखण्ड की पहचान
संयुक्त राष्ट्र से सम्बद्ध इस संगठन में चयन की प्रक्रिया अत्यंत प्रतिस्पर्धी होती है, जिसमें दुनिया भर के योग्य अधिकारी भाग लेते हैं। ऐसे में श्री लोकेश्वर सिंह का चयन भारत और उत्तराखण्ड दोनों के लिए सम्मान की बात है। यह दिखाता है कि हिमालयी राज्य की पुलिस सेवा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने योगदान से पहचान बना रही है।
नई जिम्मेदारी में वे संस्थागत पारदर्शिता और अखंडता को बढ़ावा देने के साथ-साथ संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में शांति स्थापना और सतत विकास के लिए नीति निर्धारण में योगदान देंगे।
सूत्रों के अनुसार, श्री सिंह जल्द ही राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय को आवश्यक अनुमोदन के लिए आवेदन प्रस्तुत करेंगे। अनुमोदन प्राप्त होते ही वे उत्तराखण्ड कैडर से कार्यमुक्त होकर अपनी नई भूमिका का दायित्व संभालेंगे।
उनकी यह उपलब्धि आने वाले युवा अधिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह संदेश देती है कि उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य से भी वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली नेतृत्व उभर सकता है।
