जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों को लेकर अपनी उम्मीदें व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस और उसके गठबंधन प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएंगे। उन्होंने हरियाणा में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बदलने को हार की स्वीकार्यता बताया और कहा कि वहां की जनता कांग्रेस को ऐतिहासिक बहुमत देने जा रही है।
पायलट ने जम्मू-कश्मीर में भी कांग्रेस गठबंधन की जीत का विश्वास जताते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से वहां राजनीतिक षड्यंत्र हो रहे हैं, लेकिन आगामी तीन चरणों के चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार दोबारा बनेगी। उन्होंने “इंडिया गढ़बंधन” की भी सराहना की और कहा कि कांग्रेस पार्टी सबको साथ लेकर चलना जानती है, जिसका उदाहरण हरियाणा में कम्युनिस्ट पार्टी को दी गई सीट है।
आगे पायलट ने झारखंड और महाराष्ट्र के आगामी चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा की “एक राष्ट्र, एक चुनाव” की योजना सफल नहीं हो पाई है। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाया कि चार राज्यों के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं, लेकिन राजस्थान और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा अब तक नहीं हुई है।
उन्होंने राहुल गांधी के नेता प्रतिपक्ष बनने पर कहा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार को लगातार बैकफुट पर रखा है। भाजपा का राहुल गांधी पर लगातार निशाना साधना, उनकी लोकप्रियता और सरकार की असफलता का प्रतीक है।
पायलट ने केंद्र सरकार के बजट पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसमें कुछ राज्यों को राजनीतिक मजबूरी के चलते झूठे आश्वासन दिए गए, जबकि राजस्थान जैसे राज्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। उन्होंने राजस्थान में हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से विफल हो गया है, और सरकार में सत्ता के कई केंद्र बन चुके हैं जिससे जनता को नुकसान हो रहा है।अंत में, पायलट ने आरपीएससी (RPSC) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस संस्था में पारदर्शिता बहाल करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ मुद्दा है।