उत्तराखंड

उपनल कर्मियों के मामले में सरकार ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका, कांग्रेस ने सरकार को घेरा

उपनल कर्मियों के मामले में सरकार ने एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया है। सरकार ने उपनल कर्मियों के मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। जिसके बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर होती नजर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने उपनल कर्मियों की पीठ में छुरा भोकने का काम किया।

15 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नियमितीकरण के खिलाफ एसएलपी खारिज की। साल 2018 में नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा लिया गया उपनल कर्मियों के नियमितीकरण के पक्ष में लिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने यथावत रखा। उपनल कर्मियों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर कर्मचारियों ने विशाल महारैली कर सचिवालय कूच किया। इसके बाद कर्मचारियों को ये आश्वासन दिया गया कि जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। लेकिन बावजूद उसके एक बार फिर सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है।

सरकार द्वारा उपनल कर्मियों के मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारी की हड़ताल को रोकने के लिए मुख्यमंत्री की पहल पर मुख्य सचिव ने कर्मियों से वार्ता की।

उन्हें आश्वासन दिया कि केदारनाथ में आचार संहिता लगी हुई है इसीलिए कोई घोषणा नहीं की जा सकती है। 25 नवंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होगी उसमें सभी शामिल होंगे। जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित कर दी। लेकिन पुनर्विचार याचिका दाखिल कर उपनल कर्मियों की पीठ में छुरा भोकने का काम किया है।

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