उत्तराखंड में 27 जनवरी से लागू होगा समान नागरिक संहिता (UCC): ऐतिहासिक फैसला
उत्तराखंड में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) लागू होने की घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने इस बड़े फैसले को लागू करने के लिए 27 जनवरी की दोपहर 12:30 बजे का समय तय किया है। यह कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत किए गए उस वादे को साकार करता है, जो देश में एक समान कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात करता है।
क्या है समान नागरिक संहिता (UCC)?
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून व्यवस्था लागू हो, चाहे उनका धर्म, जाति या समुदाय कोई भी हो। इसके तहत विवाह, तलाक, संपत्ति, गोद लेने और उत्तराधिकार जैसे मामलों में समान कानून लागू होंगे।
उत्तराखंड में UCC की शुरुआत: क्यों है यह अहम?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनावों के दौरान UCC लागू करने का वादा किया था। राज्य में इसे लागू करने के पीछे तर्क दिया गया है कि इससे समाज में समानता और न्याय की स्थापना होगी। यह राज्य का ऐसा पहला बड़ा कदम है, जिससे बाकी राज्यों के लिए भी प्रेरणा मिल सकती है।
UCC लागू होने की प्रक्रिया
- विशेष समिति का गठन: राज्य सरकार ने UCC का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
- जनता की राय: इस ड्राफ्ट पर जनता और विशेषज्ञों से राय ली गई।
- कानून पारित: ड्राफ्ट को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद अब इसे लागू करने का समय आ गया है।
- 27 जनवरी की तारीख: सरकार ने घोषणा की है कि 27 जनवरी, दोपहर 12:30 बजे से UCC लागू कर दिया जाएगा।
UCC के फायदे
- सामाजिक समानता: सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होने से भेदभाव समाप्त होगा।
- महिलाओं के अधिकारों की रक्षा: UCC महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति अधिक सशक्त बनाएगा।
- कानूनी प्रक्रिया में सरलता: अलग-अलग धार्मिक कानूनों की जगह एक समान कानून लागू होने से विवाद कम होंगे।
- राष्ट्र की एकता: UCC से समाज में एकरूपता और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलेगा।
उत्तराखंड में UCC लागू होने का प्रभाव अन्य राज्यों और राष्ट्रीय राजनीति पर भी पड़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य राज्य भी इसे लागू करने के लिए कदम उठाते हैं।
27 जनवरी, 2025 का दिन उत्तराखंड के इतिहास में एक नई शुरुआत का प्रतीक होगा। समान नागरिक संहिता लागू होने से न केवल राज्य के नागरिकों को लाभ होगा, बल्कि यह देशभर में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में प्रेरणा देगा। अब यह देखना बाकी है कि UCC लागू होने के बाद इसके सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव कैसे होंगे ?
यह बड़ा कदम उत्तराखंड को राष्ट्रीय सुर्खियों में लाने के साथ-साथ देश में एक नई बहस की शुरुआत भी करेगा।