चमोली (उत्तराखंड): उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास आए भीषण हिमस्खलन ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार दोपहर बर्फीली पहाड़ियों में अचानक पहाड़ दरक पड़ा और देखते ही देखते मजदूरों का पूरा समूह बर्फ के नीचे दब गया। मलबे में फंसे 57 मजदूरों को बचाने के लिए सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन छेड़ दिया। ताजा अपडेट के मुताबिक, अब तक 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 10 की तलाश जारी है।
एवलांच ने बरपाया कहर, मौत का खौफनाक मंजर!
यह हादसा इतना भयावह था कि चश्मदीदों की रूह कांप गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहाड़ से अचानक एक भयंकर गर्जना हुई और कुछ ही सेकंड में पूरा इलाका सफेद तबाही में तब्दील हो गया। मजदूरों के पास भागने का कोई मौका नहीं था, वे अपनी जान बचाने के लिए जहां थे, वहीं फंस गए। देखते ही देखते चारों ओर सिर्फ बर्फ ही बर्फ दिखाई देने लगी।
रेस्क्यू टीमों के लिए हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। कड़ाके की ठंड, तेज हवाएं और लगातार गिर रही बर्फ बचाव कार्य में बाधा डाल रही है, लेकिन जांबाज जवान पूरी ताकत के साथ ऑपरेशन चला रहे हैं। अभी भी 10 मजदूरों के बर्फ के नीचे फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: जिंदगी की जंग जारी!
भारतीय सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने मौके पर पहुंचकर फौरन राहत अभियान शुरू कर दिया। रेस्क्यू टीमों ने विशेष उपकरणों की मदद से बर्फ के भीतर दबे मजदूरों को खोजने का काम जारी रखा।
ड्रोन कैमरों और सेंसिंग डिवाइसेस की मदद से लोकेशन ट्रेस की जा रही है।
बर्फ काटने के लिए विशेष मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जवान अपनी जान जोखिम में डालकर मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
CM धामी ने कर रहे लगातार मॉनिटरिंग, केंद्र सरकार अलर्ट पर!
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को लेकर तत्काल उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई। उत्तराखंड प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है और हर संभव मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
मजदूरों के परिजन बेहाल, भगवान से कर रहे दुआ
हादसे के बाद से मजदूरों के परिजनों की हालत खराब है। अपनों के बर्फ में फंसे होने की खबर से गांवों में मातम पसरा हुआ है। परिजन रो-रोकर भगवान से अपने प्रियजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड जैसे हिमालयी क्षेत्रों में ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण एवलांच की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। हाल ही में केदारनाथ, जोशीमठ और हिमालयी बेल्ट में कई बार भूस्खलन और हिमस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार ठोस कदम उठाए और इस तरह के हादसों को रोकने के लिए मजबूत रणनीति बनाए।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी!
अभी भी 10 मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। बचाव कार्य तेजी से जारी है, और पूरी उम्मीद है कि सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। देश की नजरें इस ऑपरेशन पर टिकी हैं, और हर कोई दुआ कर रहा है कि कोई अनहोनी न हो।
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