गंगा की लहरों पर आर्थिक चमत्कार: प्रयागराज के नाविक परिवार ने 45 दिनों में कमाए 30 करोड़!
महाकुंभ 2025 में आस्था की लहरों के साथ दौड़ा आर्थिक पहिया, प्रयागराज के एक केवट परिवार ने 130 नौकाओं के सहारे 45 दिनों में रचा इतिहास
प्रयागराज। गंगा की लहरों पर जब श्रद्धालुओं के संगम स्नान का उत्साह उमड़ा, तब एक नाविक परिवार की तकदीर भी चमक उठी। महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज के एक केवट परिवार ने अपनी 130 नौकाओं के सहारे 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक कमाई की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस असाधारण उपलब्धि का जिक्र करते हुए इसे महाकुंभ की विशाल आर्थिक शक्ति का प्रतीक बताया।
कैसे बना 30 करोड़ का जलमार्ग?
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए पहुंचे। घाटों तक पहुंचने और आस्था की अनुभूति को करीब से जीने के लिए हजारों श्रद्धालु हर दिन नौका विहार करते रहे। प्रयागराज के इस नाविक परिवार ने 130 नौकाओं के बेड़े को दिन-रात सेवा में लगाया, जिससे उनकी कमाई ने रिकॉर्ड तोड़ दिया।
हर नाव रोजाना 8-10 चक्कर लगाती रही
प्रति चक्कर 500 से 2000 रुपये की आमदनी
विदेशी पर्यटकों और वीआईपी सेवाओं से अतिरिक्त कमाई
संगम आरती और विशेष दर्शन यात्राओं का अलग से शुल्क
नावों के सहारे बदली किस्मत
प्राचीन काल से नाविकों का समुदाय गंगा से अपनी आजीविका चलाता आया है, लेकिन शायद ही कभी किसी ने कल्पना की होगी कि यह परंपरागत व्यवसाय इतनी ऊंचाइयों को छू सकता है। इस नाविक परिवार ने व्यवस्थित संचालन, बेहतर प्रबंधन और डिजिटल भुगतान जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं को अपनाकर कमाई के नए कीर्तिमान स्थापित किए।
योगी सरकार की नीतियों का प्रभाव
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बार महाकुंभ में नाविकों को विशेष सुविधाएं दीं—लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाया, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया और घाटों पर बेहतर प्रबंधन किया। इसका सीधा लाभ इन नाविकों को मिला और उन्होंने ऐतिहासिक कमाई कर ली।
महाकुंभ: सिर्फ आस्था नहीं, आर्थिक उछाल भी
महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला अवसर है। इस आयोजन के दौरान होटल, दुकानदार, परिवहन, और छोटे व्यापारियों की आय में भारी बढ़ोतरी देखी गई।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अर्थशास्त्रियों के अनुसार, महाकुंभ 2025 में कुल 1.2 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियां होने का अनुमान है। यह आयोजन उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा देने वाला साबित हो रहा है।
गंगा की गोद में समृद्धि की नई कहानी
प्रयागराज का यह नाविक परिवार महाकुंभ की बदलती तस्वीर का जीवंत उदाहरण है। यह दर्शाता है कि जब परंपरा और आधुनिक सोच का संगम होता है, तो गंगा की लहरों पर भी आर्थिक चमत्कार लिखा जा सकता है।
यह सिर्फ नावों की कहानी नहीं, बल्कि मेहनत, संकल्प और अवसरों के सही उपयोग की कहानी है—जो बताती है कि संगम की धारा में सिर्फ आस्था ही नहीं, समृद्धि भी बहती है!