नई दिल्ली/बेंगलुरु – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष के चयन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, 22 मार्च को बेंगलुरु में पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में तीन प्रमुख नाम आरएसएस को भेजे जा सकते हैं। इन नामों में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, और पूर्व हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर शामिल हैं। लेकिन असली पेंच यह है कि यदि संघ को ये नाम पसंद नहीं आए, तो वह खुद किसी और नाम की सिफारिश कर सकता है।
संघ के रुख पर टिकी निगाहें
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी नेतृत्व संघ की पसंद के अनुरूप फैसला लेना चाहेगा, लेकिन यदि संघ को भेजे गए नामों पर आपत्ति होती है, तो वह खुद किसी और नेता का नाम आगे बढ़ा सकता है। संघ के इस रुख से बीजेपी में उत्सुकता बढ़ गई है।
क्यों अहम है यह नियुक्ति?
2024 लोकसभा चुनावों के बाद बीजेपी नए अध्यक्ष के चयन में बेहद सतर्कता बरत रही है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, और पार्टी को 2029 तक के लिए एक नए रणनीतिकार की जरूरत है, जो ना सिर्फ संगठन को मज़बूत करे बल्कि आगामी राज्य चुनावों में भी पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाए।
तीनों दावेदारों की राजनीतिक हैसियत
- धर्मेंद्र प्रधान – ओडिशा से आने वाले वरिष्ठ नेता, शिक्षा मंत्री और संगठन में गहरी पकड़।
- भूपेंद्र यादव – केंद्रीय मंत्री और चुनावी रणनीति में दक्ष, संघ की भी नजदीकी।
- मनोहर लाल खट्टर – हरियाणा में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे, साफ-सुथरी छवि के नेता।
संघ की क्या हो सकती है रणनीति?
संघ के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह ऐसे नेता को अध्यक्ष बनते देखना चाहेगा जो 2029 तक के लिए पार्टी की कमान को मजबूत पकड़ से संभाल सके और कैडर को संगठित रख सके। ऐसे में, यदि कोई नया नाम आता है, तो यह बीजेपी में बड़े बदलाव का संकेत होगा।
अब सबकी नजरें 22 मार्च की बैठक पर टिकी हैं। क्या संघ बीजेपी के सुझाए नामों को हरी झंडी देगा, या फिर कोई चौंकाने वाला चेहरा सामने आएगा? यह देखना दिलचस्प होगा!