— अमित शर्मा
उत्तरकाशी (उत्तराखंड), 30 अप्रैल 2025
हिमालय की हिमाच्छादित पर्वतमालाओं में आज से आस्था की गूंज सुनाई देगी। अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर चारधाम यात्रा 2025 का विधिवत शुभारंभ गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट उद्घाटन से होने जा रहा है।
यह दिन केवल एक यात्रा की शुरुआत नहीं, बल्कि सनातन श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा के पुनः जागरण का प्रतीक बनता है, जब लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य के सान्निध्य की ओर अग्रसर होते हैं।
आज खुलेंगे माँ गंगा और माँ यमुना के धामों के कपाट
गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 10:30 बजे विधिपूर्वक खोले जाएंगे। माँ गंगा की उत्सव डोली मुखबा गाँव से रवाना होकर भैरव घाटी में विश्राम के बाद आज मंदिर पहुँचेगी, जहाँ वैदिक मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की स्वर लहरियों के बीच कपाट उद्घाटन होगा।
संपूर्ण गंगोत्री घाटी इस समय गंगामैया के स्वागत के लिए सजी है।
वहीं यमुनोत्री धाम में भी भक्तों का उत्साह चरम पर है। दोपहर 11:55 बजे, माँ यमुना की डोली खरसाली गाँव से चलकर मंदिर प्रांगण पहुँचेगी। यमुना तट पर स्थित यह धाम श्रद्धालुओं के जयकारों से गूंजेगा, जब मंदिर के कपाट आधिकारिक रूप से खोले जाएंगे।
आगामी पड़ाव – केदारनाथ और बद्रीनाथ
चारधाम यात्रा के अगले दो प्रमुख धाम—केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट क्रमशः
- 2 मई को सुबह 7:00 बजे
- 4 मई को सुबह 6:00 बजे
खोले जाएंगे। इन धामों में भी तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं, और डोलियाँ अपनी यात्रा पर निकलने को तैयार हैं।
रिकॉर्ड पंजीकरण, हाईटेक इंतजाम
इस बार सरकार ने यात्रा को तकनीकी और संरचनात्मक स्तर पर और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं।
- अब तक 20 लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण कर चुके हैं।
- 50 से अधिक ऑफलाइन केंद्र सक्रिय हैं।
- RFID टैगिंग, ई-गाइड, हेलीकॉप्टर सेवाएँ, और हेल्पलाइन नियंत्रण कक्ष चालू हैं।
- हर 10 किमी पर मेडिकल हेल्प डेस्क, आश्रय केंद्र और पेयजल सुविधाएँ सुनिश्चित की गई हैं।
सुरक्षा और मौसम सतर्कता
चारधाम मार्ग को छोटे-छोटे सेक्टरों में बाँटकर वहां ITBP, SDRF और लोकल पुलिस बल की तैनाती की गई है।
मौसम विभाग के अपडेट के साथ यात्रा को लेकर यात्रियों को हर दिन अलर्ट भेजा जाएगा।
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों पर ड्रोन निगरानी भी की जा रही है।
आध्यात्मिक ऊर्जा का अमृत स्रोत
चारधाम यात्रा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा के उस गूढ़ आह्वान का उत्तर है, जो जीवन के परम लक्ष्य – मोक्ष – की ओर ले जाता है।
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ, ये चार धाम सनातन संस्कृति की वो धुरी हैं, जहाँ धर्म, ध्यान और दर्शन एक हो जाते हैं।