रक्षाबंधन की पूर्व संध्या को जहाँ एक ओर देशभर में भाई–बहन के रिश्ते का पर्व मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर देहरादून–दिल्ली हाईवे पर हज़ारों लोगों के लिए यह शाम एक भयंकर यातना बन गई।
त्योहार से पहले घर लौट रहे लोगों को ऐसे ट्रैफिक जाम में फँसना पड़ा, जहाँ कुछ स्थानों पर गाड़ियाँ 3 घंटे तक 50–60 मीटर भी नहीं हिल सकीं।
गाड़ियों में महिलाएँ, छोटे बच्चे, बुज़ुर्ग और काम से लौटते लोग फँसे रहे। किसी को पानी तक नसीब नहीं हुआ, और ना ही प्रशासन की ओर से कोई सहायता पहुँची।
एक महिला यात्री, प्रिया चौहान ने बताया:
> “मैं अपने भाई को राखी बाँधने जा रही थी, लेकिन घंटों से हमारी गाड़ी जाम में है। छोटे बच्चे रो रहे हैं, बुज़ुर्ग परेशान हैं। पुलिस या ट्रैफिक कंट्रोल का कोई नामोनिशान तक नहीं।”
जब हालात काबू से बाहर होने लगे और किसी भी ओर से कोई मदद नहीं मिली, तो लोग खुद ही अपनी गाड़ियों से उतरकर ट्रैफिक संभालने की नाकाम कोशिश करने लगे।
मोबाइल की फ्लैशलाइटों से लोग रास्ता दिखा रहे थे, लेकिन जाम की भयावहता के आगे सब बेबस नजर आए।
लोगों ने सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो, पोस्ट और ट्वीट्स के ज़रिए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई, लेकिन न कोई जवाब आया, न कोई राहत।