देश के कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की तबाही ने हज़ारों परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं। इस संकट के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि केंद्र सरकार तुरंत सक्रिय होकर राहत और बचाव कार्यों को तेज़ करे और प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करे।
राहुल गांधी ने कहा कि “मोदी जी, पंजाब में बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। ऐसे मुश्किल समय में आपका ध्यान और केंद्र सरकार की सक्रिय मदद अत्यंत आवश्यक है। हज़ारों परिवार अपने घर, जीवन और अपनों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मैं आग्रह करता हूं कि इन राज्यों के लिए, खासतौर पर किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज की तत्काल घोषणा की जाए।”
बाढ़ का कहर
पंजाब और हिमाचल में बाढ़ के कारण सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं। किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, जबकि हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में भी पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और नदियों के उफान ने जनजीवन को संकट में डाल दिया है।
राहुल गांधी ने इस स्थिति को “राष्ट्रीय आपदा” बताते हुए कहा कि सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर इस संकट से निपटना चाहिए।
किसानों और आम जनता की उम्मीदें
किसानों को इस समय सबसे बड़ा झटका फसलों के नुकसान से लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार समय रहते राहत पैकेज नहीं देती, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। खासकर पंजाब और हिमाचल जैसे राज्यों में किसान अपनी आजीविका के लिए पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं।
केंद्र सरकार की भूमिका अहम
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन के संसाधन सीमित हैं। इस वजह से केंद्र सरकार की सीधी दखल और आर्थिक मदद बेहद ज़रूरी मानी जा रही है। विपक्ष लगातार यह मांग उठा रहा है कि प्रधानमंत्री खुद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें और राहत पैकेज का ऐलान करें।
बाढ़ जैसी आपदाएं भारत में हर साल लाखों लोगों के जीवन पर असर डालती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि केवल तात्कालिक राहत पैकेज ही नहीं, बल्कि दीर्घकालिक योजना बनाकर बाढ़ नियंत्रण, नदियों के प्रबंधन और ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना बेहद ज़रूरी है। राहुल गांधी की यह अपील इसी दिशा में एक बड़ा राजनीतिक संदेश मानी जा रही है।