देहरादून/नई दिल्ली
उत्तराखण्ड सरकार ने वर्ष 2025 के मानसून में हुई भारी क्षति की प्रतिपूर्ति और भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को आपदा-रोधी बनाने के लिए भारत सरकार से ₹5702.15 करोड़ की विशेष आर्थिक सहायता मांगी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री आर. के. सुधांशु और सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह लगातार उत्तराखण्ड के साथ खड़े रहे हैं और अब तक हरसंभव सहयोग प्रदान किया गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार राज्य की इस मांग पर सकारात्मक रुख अपनाएगी ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता मिल सके, क्षतिग्रस्त अवसंरचना का पुनर्निर्माण हो और आजीविका साधनों को पुनर्स्थापित किया जा सके।
एनडीएमए के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और सचिव मनीष भारद्वाज ने उत्तराखण्ड को हर स्तर पर सहयोग का भरोसा दिलाते हुए कहा कि राज्य ने इस वर्ष धराली और थराली जैसी भयावह आपदाओं का सामना किया है और भारी नुकसान झेला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में भारत सरकार राज्य के साथ है और दीर्घकालिक समाधान की दिशा में हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
विभागवार क्षति का आकलन
आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 के बीच आई आपदाओं ने व्यापक क्षति पहुंचाई।
- लोक निर्माण विभाग: ₹1163.84 करोड़
- सिंचाई विभाग: ₹266.65 करोड़
- ऊर्जा विभाग: ₹123.17 करोड़
- स्वास्थ्य विभाग: ₹4.57 करोड़
- विद्यालयी शिक्षा विभाग: ₹68.28 करोड़
- उच्च शिक्षा विभाग: ₹9.04 करोड़
- मत्स्य विभाग: ₹2.55 करोड़
- ग्राम्य विकास विभाग: ₹65.50 करोड़
- शहरी विकास विभाग: ₹4 करोड़
- पशुपालन विभाग: ₹23.06 करोड़
- अन्य परिसंपत्तियाँ: ₹213.46 करोड़
कुल मिलाकर विभिन्न विभागों को ₹1944.15 करोड़ की सीधी क्षति का आकलन किया गया है। इसके अतिरिक्त, भविष्य में संभावित आपदाओं से बचाव और संरचनाओं को स्थिर करने हेतु ₹3758 करोड़ की अतिरिक्त सहायता की मांग की गई है।
जनहानि और अन्य क्षति
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार इस अवधि में
- 79 व्यक्तियों की मृत्यु,
- 115 लोग घायल,
- 90 लोग लापता हुए।
इसके अलावा 3953 छोटे-बड़े पशुओं की मृत्यु, 238 पक्के और 2 कच्चे भवन ध्वस्त, 2835 पक्के और 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। साथ ही अनेक दुकानें, होटल, होमस्टे, रेस्टोरेंट और व्यवसायिक ढांचे भी प्रभावित हुए हैं।
उत्तराखण्ड सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि शीघ्र आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि राज्य आपदा से उबर सके और भविष्य में होने वाले जोखिमों से सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।