उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम: गुलाबी कांठा ट्रेक को किया गया ‘ट्रेक ऑफ़ दी ईयर 2025’ घोषित

🛑 28 सितंबर 2025, देहरादून:

उत्तराखण्ड पर्यटन में साहसिक और अनुभवात्मक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर साल आयोजित “ट्रेक दी हिमलायाज (टीटीएच)” अब नई ऊँचाइयों पर पहुँच रहा है। इसी कड़ी में आज देहरादून स्थित टीटीएच कार्यालय से “ट्रेक ऑफ़ दी ईयर 2025” के तहत गुलाबी कांठा ट्रेक (जिला उत्तरकाशी) का भव्य फ्लैग-ऑफ किया गया।

उत्तराखण्ड पर्यटन सचिव श्री धीरेज गर्ब्याल ने समारोह में हरी झंडी दिखाकर पहले दल को रवाना किया। इस अवसर पर स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कई पर्यटन विशेषज्ञ और टीटीएच टीम के वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे।

गुलाबी कांठा ट्रेक: साहसिक यात्रा की नई पहचान

गुलाबी कांठा ट्रेक को चुनने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना, स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना और उत्तराखण्ड में पर्यटकों की संख्या बढ़ाना है। इस ट्रेक की खासियत यह है कि इसे सालभर किसी भी मौसम में किया जा सकता है, जिससे यह ट्रेक पूरे वर्ष पर्यटकों के लिए आकर्षक बना रहेगा।

आज रवाना हुए पहले दल में 21 प्रतिभागी शामिल थे, जो देश के विभिन्न राज्यों से आए हैं। यह दल देहरादून से स्यानाचट्टी के लिए रवाना हुआ और कुल 6 दिन की गुलाबी कांठा ट्रेक यात्रा करेगा।

भव्य फ्लैग-ऑफ समारोह

कार्यक्रम में उत्तराखण्ड पर्यटन एसीईओ श्री बंसी लाल राणा, जिला पर्यटन अधिकारी उत्तरकाशी श्री कमल किशोर जोशी, पर्यटन प्रचार अधिकारी श्री उत्कर्ष, ट्रेक दी हिमलायाज के सीईओ श्री राकेश पंत एवं सह-संस्थापक श्री संदीप रावत, यूटीडीबी एडवेंचर लैंड विशेषज्ञ शीतल राज, एडवेंचर विंग की श्रीमती सीमा नौटियाल, सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री धीरेज गर्ब्याल ने कहा,
“गुलाबी कांठा ट्रेक न केवल साहसिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उत्तराखण्ड के युवाओं के लिए रोजगार और पर्यटन उद्योग के लिए विकास का एक नया अवसर भी प्रदान करता है।”

भविष्य की संभावनाएँ

आने वाले समय में गुलाबी कांठा ट्रेक देश और विदेश के ट्रेकर्स के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बनेगा, और उत्तराखण्ड पर्यटन को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगा। यह ट्रेक न केवल प्राकृतिक सुंदरता, बल्कि स्थानीय संस्कृति और अनुभवात्मक साहसिक पर्यटन का भी अनुभव कराता है।

उत्तराखण्ड पर्यटन अब साहसिक, प्राकृतिक और अनुभवात्मक यात्रा को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह तैयार है, और गुलाबी कांठा ट्रेक इसका नवीनतम उदाहरण बन गया है।

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