खुद दवा न लें, चिकित्सक की सलाह पर ही करें सेवन: स्वास्थ्य विभाग का सख्त संदेश

जयपुर, 3 अक्टूबर। मौसमी बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आमजन को गंभीर चेतावनी जारी की है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना चिकित्सक की सलाह के दवाओं का सेवन किसी भी हालत में न किया जाए, अन्यथा दुष्प्रभाव की स्थिति में जिम्मेदारी तय की जाएगी।

शनिवार से प्रदेशभर में आशा, एएनएम और सीएचओ की टीमें घर-घर सर्वे शुरू करेंगी। इस सर्वे के दौरान लोगों को दवाओं के सुरक्षित उपयोग, बच्चों की पहुंच से दवा दूर रखने, बीमारी के लक्षण दिखते ही चिकित्सक से संपर्क करने और किसी भी दुष्प्रभाव की स्थिति में तत्काल आवश्यक कदम उठाने के बारे में जागरूक किया जाएगा।


शासन सचिव ने दिए स्पष्ट निर्देश

स्वास्थ्य भवन में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में प्रमुख शासन सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) श्रीमती गायत्री राठौड़ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना का संचालन प्रभावी ढंग से हो, लेकिन यह भी सुनिश्चित हो कि दवाएं केवल निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार चिकित्सक द्वारा लिखी जाएं

हाल ही में कुछ स्थानों पर बच्चों में खांसी की दवा के गलत उपयोग से दुष्प्रभाव के मामले सामने आए हैं, जिस पर चिंता जताई गई। श्रीमती राठौड़ ने स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।


मौसमी बीमारियों पर विशेष फोकस

उन्होंने कहा कि बारिश का दौर खत्म होते ही सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार जैसे मौसमी रोग तेजी से फैलते हैं। ऐसे में सभी अस्पतालों में जांच, दवा और उपचार की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए। चिकित्सक बच्चों और बड़ों के लिए दवा लिखते समय तय प्रोटोकॉल का पालन करें और परिजनों को खुराक की पूरी जानकारी दें


फार्मासिस्ट और स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका

श्रीमती राठौड़ ने साफ कहा कि फार्मासिस्ट चिकित्सक की पर्ची के बिना दवाएं न दें। एएनएम, आशा और सीएचओ लोगों को चिकित्सक से परामर्श लेने के लिए प्रेरित करें। यदि किसी भी दवा से दुष्प्रभाव की जानकारी मिले तो तुरंत सेक्टर प्रभारी को सूचित करें।


बच्चों को विशेष सावधानी

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. अमित यादव ने कहा कि चार साल से कम उम्र के बच्चों को डेक्सट्रोमोरफन युक्त दवा नहीं दी जाए। लोगों को यह भी बताया जाए कि बिना डॉक्टर की सलाह के घर में रखी दवाओं का सेवन न करें।

यदि दवा लेने के बाद सांस लेने में कठिनाई, बेहोशी, उल्टी, दौरे या सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं या हेल्पलाइन 104/108 अथवा राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 0141-2225624 पर संपर्क करें।


चिकित्सकों की जिम्मेदारी

जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने कहा कि चिकित्सक ओपीडी और आईपीडी में दवा लिखते समय स्पष्ट तौर पर खुराक और समय लिखें। साथ ही मरीज और उनके परिजनों को दवा के दुष्प्रभाव और सावधानियों की जानकारी देना अनिवार्य है।


प्रदेश में मौसमी बीमारियों की रोकथाम और दवाओं के सुरक्षित उपयोग के लिए यह विशेष अभियान अब व्यवस्थित और सख्त निगरानी के साथ लागू होगा।

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