भारत में ई-पासपोर्ट की शुरुआत: डिजिटल सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक कदम!

BIG BREAKING – भारत सरकार इस महीने से देशभर में चिप आधारित ई-पासपोर्ट (e-Passport) का राष्ट्रीय स्तर पर वितरण शुरू करने जा रही है। यह कदम यात्रा सुरक्षा, डिजिटल पहचान, और आधुनिक इमिग्रेशन सिस्टम की दिशा में एक क्रांतिकारी परिवर्तन है।

क्या है ई-पासपोर्ट?

ई-पासपोर्ट एक उन्नत तकनीक से युक्त पासपोर्ट होगा, जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी। यह चिप व्यक्ति की बायोमेट्रिक जानकारी, पर्सनल डेटा, और पासपोर्ट का डिजिटल रिकॉर्ड सुरक्षित रूप से संग्रहित करेगी।

ई-पासपोर्ट क्यों है ज़रूरी?

  • जालसाजी और डुप्लिकेशन पर रोक
    पारंपरिक पासपोर्ट की तुलना में ई-पासपोर्ट को नक़ल या छेड़छाड़ करना लगभग असंभव होगा।
  • तेज़ और सुरक्षित इमिग्रेशन प्रक्रिया
    बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के कारण हवाई अड्डों पर वेरिफिकेशन बेहद तेज़ और भरोसेमंद होगा।
  • वैश्विक मानकों के अनुरूप
    ICAO (International Civil Aviation Organization) के स्टैंडर्ड्स पर आधारित यह पासपोर्ट भारत को विश्व के उन्नततम यात्रा दस्तावेज़ रखने वाले देशों की श्रेणी में ला खड़ा करेगा।

मोदी सरकार की डिजिटल क्रांति में एक और मील का पत्थर

“वन नेशन, डिजिटल पहचान” की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया को अब अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल डॉक्युमेंट्स तक विस्तार दिया है। विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) द्वारा मिलकर तैयार किया गया यह प्रोजेक्ट 2023 में पायलट बेसिस पर शुरू हुआ था – और अब यह देशव्यापी रोलआउट की स्थिति में है।

जनता को क्या होगा फ़ायदा?

  • लाइन में लगने की झंझट कम होगी
  • वीज़ा और इमिग्रेशन वेरिफिकेशन समय घटेगा
  • अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय यात्रा
  • फर्जीवाड़े और ट्रैफिकिंग जैसे अपराधों पर बड़ी चोट

क्या कहती है तकनीक?

यह ई-पासपोर्ट RFID (Radio-Frequency Identification) और PKI (Public Key Infrastructure) आधारित होगा, जिससे डेटा एन्क्रिप्टेड रहेगा और इसे कोई भी तीसरा पक्ष डिकोड नहीं कर सकेगा।


यह सिर्फ़ पासपोर्ट का अपग्रेड नहीं – यह भारत की वैश्विक पहचान को डिजिटल सुरक्षा के नए स्तर पर ले जाने वाला कदम है।

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