देवभूमि उत्तराखंड में आध्यात्मिक ऊर्जा चरम पर है। 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के दिन शुरू हुई पवित्र चारधाम यात्रा—जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ शामिल हैं—इस बार नए कीर्तिमान गढ़ रही है। श्रद्धा, सुरक्षा और सरकार की सुव्यवस्था के त्रिवेणी संगम ने इसे इतिहास की सबसे व्यवस्थित और व्यापक यात्रा बना दिया है।
कपाट खुलने की तिथियाँ: यात्रा ने पकड़ी गति
- 30 अप्रैल: गंगोत्री (10:30 AM) और यमुनोत्री (11:50 AM) धाम के कपाट खुले।
- 2 मई: केदारनाथ धाम के कपाट प्रातः 7 बजे खोले गए।
- 4 मई: बद्रीनाथ धाम के कपाट विधिवत खुले।
- 25 मई: हेमकुंड साहिब के कपाट खुलेंगे।
- 22 नवंबर 2025 तक यह यात्रा चलेगी।
19 लाख से पार रजिस्ट्रेशन: भक्तों का सैलाब
चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष भक्तों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है:
- 22 अप्रैल 2025 तक कुल पंजीकरण 19 लाख पार कर चुका है।
- केवल 5 दिनों में 7 लाख से अधिक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हुए।
- 22 मार्च तक 3.80 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन में केदारनाथ (1.22 लाख) और बद्रीनाथ (1.13 लाख) सबसे आगे।
- हेमकुंड साहिब के लिए भी 3,395 भक्तों ने अभी से पंजीकरण कर लिया है।
- GMVN के अनुसार, अप्रैल–अगस्त के बीच 1.90 करोड़ रुपये की बुकिंग हो चुकी है।
यात्रा की रफ्तार: 9 दिनों में 4 लाख श्रद्धालु पहुँचे चारधाम
केवल 9 दिनों में 4 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम पहुंच चुके हैं, जो दर्शाता है कि यह यात्रा 2023 (56.18 लाख) और 2024 (48.04 लाख) के आँकड़ों को पीछे छोड़ सकती है।
प्रशासनिक तैयारियाँ: हर मोर्चे पर पुख्ता बंदोबस्त
उत्तराखंड सरकार ने इस बार सुरक्षा, सुविधा और पंजीकरण को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- 60% ऑनलाइन और 40% ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था।
- आधार कार्ड अनिवार्य, ताकि हर यात्री ट्रैक हो सके।
- हरिद्वार और ऋषिकेश में 20-20, विकासनगर में 15 रजिस्ट्रेशन काउंटर।
- ड्रोन और हेलीकॉप्टर से निगरानी, हर 10 किमी पर चीता पुलिस की तैनाती।
- 739 किमी सड़कों की मरम्मत, और 10,000 श्रद्धालुओं के लिए आवास-भोजन की व्यवस्था।
वीआईपी दर्शन पर रोक
पहले एक महीने तक कोई वीआईपी दर्शन नहीं, सबके लिए समान नियम। इससे आम श्रद्धालुओं को राहत मिली है।
ऑनलाइन पूजा और प्रसाद सेवा
10 अप्रैल से बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की वेबसाइट पर पूजा बुकिंग की सुविधा चालू है। बुकिंग के साथ प्रसाद घर बैठे पहुँचेगा।
यात्रियों के लिए विशेष निर्देश
- हेल्थ चेकअप अनिवार्य, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए।
- गर्म कपड़े, दवाइयाँ, छाता, रेनकोट अवश्य साथ रखें।
- हेलीकॉप्टर यात्रा के लिए केवल heliyatra.irctc.co.in से ही टिकट लें।
- स्वच्छता बनाए रखें, और अनधिकृत मार्गदर्शकों से सावधान रहें।
धार्मिक महत्व: मोक्ष का द्वार
चारधाम यात्रा केवल भौतिक यात्रा नहीं, यह आत्मा की मोक्ष यात्रा है।
- केदारनाथ: भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक।
- बद्रीनाथ: जहां आदि शंकराचार्य को मोक्ष की प्राप्ति हुई।
- गंगोत्री-यमुनोत्री: मां गंगा और यमुना के उद्गम स्थल।
आप भी तैयार हैं?
चारधाम यात्रा 2025 एक ऐतिहासिक अध्याय बन रही है—जहाँ आस्था और प्रशासन दोनों कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। यदि आपने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है, तो registrationandtouristcare.uk.gov.in पर जाएं और इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बनें।
जय बद्री विशाल! जय बाबा केदार!
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