तकनीकी क्षेत्र से दो बड़े झटके एक साथ सामने आए हैं। एक ओर जहां Intel ने 2025 में 24,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है, वहीं भारतीय IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी TCS ने भी अपने 6 लाख से ज्यादा कर्मचारियों में से 2% यानी करीब 12,000 लोगों को नौकरी से निकालने का संकेत दिया है। यह छंटनी वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल 2025–मार्च 2026) के दौरान की जाएगी।
Intel में 24,000 नौकरियां खत्म होंगी!
दुनिया की अग्रणी चिप निर्माता कंपनी Intel ने पुष्टि की है कि वह 2025 में लगभग 24,000 नौकरियों में कटौती करने जा रही है। यह उसके ग्लोबल वर्कफोर्स का 20–25% हिस्सा है। कंपनी के CEO ने इसे एक “कठिन लेकिन ज़रूरी कदम” बताया है।
🏭 कारण क्या है?
- Intel को Q2 2025 में $2.9 बिलियन का घाटा हुआ।
- कंपनी अब अपने खर्चों को घटाकर $16 अरब करने की रणनीति पर चल रही है।
- जर्मनी, पोलैंड और अमेरिका (ओहायो) जैसे देशों में बड़े प्लांट प्रोजेक्ट्स को रोक दिया गया है।
- कोस्टा रिका में टेस्टिंग यूनिट्स भी वियतनाम और मलेशिया शिफ्ट की जाएंगी।
💡 अब फोकस AI और 14A चिप टेक्नोलॉजी पर
Intel अब अपने फाउंड्री क्लाइंट्स और AI-सर्वर मार्केट पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। कंपनी ने कहा है कि अब केवल उन्हीं प्रोजेक्ट्स पर काम होगा जो स्पष्ट रूप से लाभकारी और स्केलेबल हों।
अब TCS भी छंटनी की राह पर!
Tata Consultancy Services (TCS), जो कि भारत की सबसे बड़ी IT सेवा प्रदाता कंपनी है, अब 2026 तक 12,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रही है। यह संख्या उसके कुल 6.13 लाख कर्मचारियों का करीब 2% है।
📉 यह फैसला क्यों?
TCS के CEO कृतिवासन के अनुसार:
“यह छंटनी AI के कारण नहीं है, बल्कि भविष्य के लिए स्किल डेवलपमेंट की दिशा में उठाया गया कदम है। यह एक कठिन निर्णय है, लेकिन कंपनी को मज़बूत बनाने के लिए ज़रूरी है।”
उन्होंने साफ किया कि यह छंटनी इसलिए नहीं की जा रही क्योंकि कंपनी को कम लोगों की ज़रूरत है, बल्कि इसलिए कि कुछ कौशल अब आउटडेटेड हो चुके हैं और कंपनी को नए जमाने के टैलेंट की ज़रूरत है।
🛡️ कर्मचारियों के लिए क्या राहत?
कंपनी प्रभावित कर्मचारियों के लिए:
- नोटिस पीरियड का पूरा वेतन,
- एडेड सेवरेंस पैकेज,
- इंश्योरेंस बेनिफिट्स में बढ़ोतरी,
- और आउटप्लेसमेंट (नई नौकरी के मौके) जैसे विकल्प देने पर विचार कर रही है।
📜 12 जून से लागू हुई नई ‘बेंच पॉलिसी’ बनी कारण
TCS ने 12 जून 2025 से एक नई ‘बेंच पॉलिसी’ लागू की, जिसके बाद हजारों ऐसे एम्प्लॉयीज को खतरे में डाला गया जो लंबे समय से प्रोजेक्ट्स में नहीं थे। IT इंडस्ट्री में ‘बेंच’ शब्द उन कर्मचारियों के लिए प्रयोग होता है जो फिलहाल किसी एक्टिव प्रोजेक्ट में तैनात नहीं होते।
यह पॉलिसी अब कंपनी के वर्कफोर्स रीस्ट्रक्चरिंग का अहम हिस्सा बन चुकी है।
🧠 Tech इंडस्ट्री में छाया अनिश्चितता का माहौल
TCS और Intel की ये घोषणाएं बताती हैं कि टेक्नोलॉजी सेक्टर में एक बड़ा ट्रांसफॉर्मेशन चल रहा है, जहां कंपनियां:
- स्किल‑सेंट्रिक अप्रोच अपना रही हैं,
- खर्चों में भारी कटौती कर रही हैं,
- और AI, फाउंड्री, वर्चुअल वर्क जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही हैं।
❗ क्या आने वाले समय में और भी कंपनियां लेंगी ऐसे फैसले?
विशेषज्ञों का मानना है कि TCS और Intel जैसी बड़ी कंपनियों के ये कदम अन्य टेक दिग्गजों को भी प्रेरित कर सकते हैं। आने वाले महीनों में Amazon, Meta, Accenture और Infosys जैसे नाम भी इसी तरह की खबरों में आ सकते हैं।