उत्तराखंड

कांग्रेस के एजेंडे पर काम न करें, कोर्ट जाएं…; अविमुक्तेश्वरानंद पर मंदिर समिति का पलटवार

केदारनाथ मंदिर से सोना गायब होने के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों पर श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने पलटवार किया है। समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि वह स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का सम्मान करते हैं, लेकिन वह दिन भर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं।

मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि विवाद भड़काना, सनसनी पैदा करना और खबरों में रहना स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की आदत है। केदारनाथ धाम में सोना गायब होने का उनका बयान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं उनसे आग्रह करता हूं और साथ ही चुनौती देता हूं कि वे इस संबंध में तथ्यों और सबूतों को सामने लाएं। उन्हें अधिकारियों के पास जाना चाहिए, सबूत पेश करना चाहिए। अगर उन्हें सक्षम प्राधिकारी पर भरोसा नहीं है तो उन्हें जांच की मांग करनी चाहिए।

अगर उनके पास वास्तव में सबूत हैं तो सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट जाएं, जनहित याचिका दायर करें और जांच की मांग करें। अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें अनावश्यक विवाद खड़ा करने और केदारनाथ धाम की गरिमा को नुकसान पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। वह कांग्रेस का एजेंडा आगे बढ़ने के लिए काम कर रहे हैं, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा, मैं एक बार फिर यह स्पष्ट कर रहा हूं कि पूर्व में भी जब यह विवाद उठा था, तब भी मैंने कहा था कि केदारनाथ धाम के गर्भ गृह स्वर्णमंडित करने में समिति की कोई भूमिका नहीं है। और न ही प्रदेश सरकार का इससे कोई लेना देना रहा है इस मामले में। गर्भ गृह को स्वर्णमंडित कराने का काम मुंबई के एक दानी दाता द्वारा कराया गया है। उन्होंने अपने ज्वैलर्स के माध्यम से यह काम कराया है। मंदिर समिति ने न तो सोना खरीदा और न ही उन्होंने इसे मंदिर समिति को दिया। उन्होंने स्वयं के कारीगरों से यह काम कराया है। उन्होंने देश के कई मंदिरों में यह काम कराया है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आरोपों की निंदा करते हुए मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे आरोपों से दानी-दाताओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंचता है। इसलिए अविमुक्तेश्वरानंद जी से अनुरोध है कि वे व्यर्थ की बयानबाजी न करें। उनके पास यदि इस संबंध में सबूत है तो वे सक्षम अथॉरिटी के पास शिकायत करें और जांच की मांग करें।

इस बारे में उन्होंने जो कहा कि 228 किलो सोना चोरी हुआ, मैं कहना चाहता हूं कि गर्भ गृह में दानी-दाता द्वारा 23 किलो सोना लगया गया है। इससे पहले गर्भ गृह में चांदी की प्लेटें थीं, जिसका वजन 230 किलो था। कुछ लोगों ने अंदाज लगा लिया कि जब चांदी के प्लेटों का वजन 230 किलो था तो सोने के प्लेटों का वजन भी इतना ही होगा।

दरअसल, कॉपर की प्लेटों पर सोने की लेयर चढ़ाई जाती है। केदारनाथ धाम के गर्भ गृह में 23 किलो सोना लगाया गया है और करीब 1000 किलो तांबें की प्लेटें हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को अनर्गल बयानबाजी नहीं करना चाहिए। वे साधु-संत के रूप में खुद को प्रदर्शित करते हैं तो उन्हें इस तरह के बयानबाजी नहीं करना चाहिए। उन्होंने राम मंदिर के समय भी विवादास्पद बयान दिया था। उन्हें कांग्रेस के एजेंडे पर नहीं चलना चाहिए।

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