‘सिर तन से जुदा’ नारा लगाने के छह आरोपित बरी, अजमेर कोर्ट ने सुनाया फैसला; एक आरोपी अब भी है फरार
राजस्थान के अजमेर में दरगाह के बाहर भीड़ में ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाने के मामले में पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने पर अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) रितु मीणा के कोर्ट ने मंगलवार को मुख्य आरोपित दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती समेत छह आरोपितों को बरी कर दिया। मामले में एक आरोपित फरार है, उस पर फैसला नहीं सुनाया गया है।
वीडियो का नहीं हो पाया सत्यापन
कोर्ट में ट्रायल के दौरान 22 गवाह और 32 दस्तावेज पेश किए गए थे। आरोपित पक्ष के वकील ने बताया कि भड़काऊ नारे के जो वीडियो सामने आए थे, कोर्ट में उनका सत्यापन नहीं हो पाया। पुलिस ने मौके का नक्शा नहीं बनाया और जो पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, वे भी अपनी मौजूदगी के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए।
उधर, सरकारी वकील ने कहा कि पूरा जजमेंट देखने के बाद फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। उधर, मामले में फैसले को देखते हुए कोर्ट के बाहर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे। बिना जांच किसी को कोर्ट के अंदर जाने की अनुमति नहीं थी। गौहर चिश्ती को कड़ी सुरक्षा में हथियारबंद जवान दोपहर साढ़े 12 बजे कोर्ट लेकर पहुंचे थे।
2022 में दर्ज किया गया था मामला
बता दें कि आपत्तिजनक नारे को लेकर 17 जून 2022 को कांस्टेबल जयनारायण जाट ने ही दरगाह थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने रिपोर्ट में बताया था कि दोपहर करीब तीन बजे निजाम गेट पर ड्यूटी के दौरान मौन जुलूस में पूर्व नियोजित तरीके से खादिम गौहर सहित कुछ लोगों ने रिक्शे पर लगे लाउडस्पीकर से ‘सिर तन से जुदा’ के आपत्तिजनक नारे लगाए।
वीडियो के आधार पर की गई थी कार्रवाई
सरकारी वकील के मुताबिक इस प्रकरण का एक वीडियो भी सामने आया था। वीडियो के आधार पर पहले अजमेर के चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। खादिम गौहर फरार हो गया था। उसे हैदराबाद में अहसानुल्लाह ने शरण दी थी। पुलिस ने गौहर और अहसानुल्लाह दोनों को पकड़ लिया था। अहसानुल्लाह जमानत पर रिहा हो गया था, मगर जांच अधिकारी के बयान के बाद वह फरार हो गया। कोर्ट ने उसे 12 मार्च 2024 को फरार घोषित कर दिया।
एनआईए ने भी गौहर को लिया था रडार पर
उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में जुटी एनआईए ने गौहर को रडार पर लिया था। पुलिस की गुप्तचर शाखा के अधिकारियों ने गौहर की गतिविधियों के बारे में फीडबैक लिया तो पता चला कि भड़काऊ भाषण व नारेबाजी के बाद उसने उदयपुर की यात्रा भी की थी। उसकी कुछ पुरानी संदिग्ध तस्वीरें भी सामने आई थीं, जिसमें वह सीआरपीएफ परिसर का वीडियो बनाते दिख रहा था। हालांकि, पुलिस गौहर से पूछताछ में कुछ भी काम की जानकारी नहीं निकाल पाई।