राजस्थान

शिक्षामंत्री मदन दिलावर बैकफुट पर, आदिवासियों का DNA टेस्ट वाले बयान पर माफी मांगी

राजस्थान के शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने आदिवासियों के डीएन टेस्ट वाले बयान पर विधानसभा में माफी मांगी है। विधानसभा में आज प्रश्नकाल शुरू करने से पहले ही दिलावर को स्पीकर ने बोलने की इजाजत दी। दिलावर के खड़े होते ही विपक्ष ने आपत्ति की, लेकिन स्पीकर ने कहा कि आपको सुनना ही पड़ेगा।  शिक्षा मंत्री मदद दिलावर में विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही अपने बयान पर खेद प्रकट किया। इसके बाद विपक्ष ने अपने विरोध को वापस लिया। इसके बाद प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विभाग से लगे सवाल – जवाब पर विपक्ष ने किसी तरह का कोई हंगामा नहीं किया।

गुरुवार को जैसे ही विधानसभा कार्यवाही शुरू हुई विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कहा कि शिक्षा मंत्री मदद दिलावर 2 मिनट में अपनी कुछ बात कहना चाहते हैं, सभी शांति से उनकी बात को सुने। इसके बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर सदन में खड़े हुए और उन्होंने कहा कि मैं आदिवासी समाज से आता हूं, महाराणा प्रताप के युद्ध में भी आदिवासियों ने उनका सहयोग दिया। आदिवासियों का पवित्र स्थल मानगढ़ धाम में कार्यक्रम रखा गया है, आदिवासियों को मेरी बातों से पीड़ा हुई है तो मैं इसके लिए खेद प्रकट करता हूं। इसके बाद विपक्ष ने भी दिवालर के इस खेद को सहमति देते हुए अपने विरोध को वापस ले लिया। प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा विभाग से जुड़े सवाल जवाब हुए जिसमें शिक्षा मंत्री के रिप्लाई पर विपक्ष ने किसी तरह की कोई आपत्ति दर्ज नही कराई और न ही हंगामा किया।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वह (आदिवासी) हिंदू हैं कि नहीं, ये अपने पूर्वजों से पूछेंगे। हमारे यहां वंशावली लिखने वालों से पूछेंगे। यदि वह हिंदू नहीं हैं तो उनका डीएनए टेस्ट कराएंगे कि क्या वो लोग अपने पिता की औलाद है या नहीं। दिलावर की इस टिप्पणी के बाद से लगातार विरोध जारी था। विपक्ष विधानसभा सत्र शुरू होने के साथ लगातार इसका विरोध करते मांफी मांगने की मांग कर रहा था। लेकिन आज मदन दिलावर ने अपने बयान पर माफी मांग ली है और इस संबंध में सफाई भी दी है।

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