पुष्कर सरोवर की स्वच्छता पर मंडरा रहा है संकट, रोजाना दम तोड़ रही सैकड़ों मछलियां

तीर्थ नगरी पुष्कर में रोजाना हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। ऐसे में उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंच रही है, रोजाना मर रही मछलियों से सरोवर का पानी दूषित हो रहा है, जिससे सरोवर के पानी मे दुर्गंध आ रही है।तीर्थनगरी पुष्कर सरोवर में अपना जलीय जीवन यापन कर रही मछलियां बीते 10 दिनों से तड़प-तड़प कर दम तोड़ रही है। वहीं जलपरियों की मरने की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है। अब तक हजारों मछलियों ने दम तोड़ दिया है। जिससे श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था पर आघात हो रहा है। वहीं तीर्थ पुरोहितों में प्रशासन के प्रति खासा रोष व्याप्त हो रखा है। इधर मत्स्य विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम के लिए मृत मछलियों एवं सरोवर के पानी के सैंपल लिए।

पुष्कर सरोवर में बीते काफी दिनों से मछलियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है । दिनों दिन मछलियों के मरने से पालिका प्रशासन ने उनके बचाव के लिए प्रयास किए लेकिन अभी भी मछलियों के मरने का क्रम जारी है। प्रारंंभिक जांच में मछलियों की मौत का कारण सरोवर के जल का ऑक्सीजन लेवल कम होने तथा तापमान बढ़ने को मानते हुए पालिका प्रशासन को सरोवर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी है। इसके बाद पालिका कर्मियों ने दमकल के माध्यम से सरोवर में पानी का स्प्रे किया गया।पालिका के कार्यवाहक ईओं रामनिवास मीणा ने बताया कि मछलियों के प्राण बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। तीनों ट्यूबवैल से सरोवर में अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है तथा नियमित 15 से 20 किलों चूना डाला जा रहा है।

ऐरिएशन प्लांट चालू है तथा सरोवर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए दो और ऑक्सीजन कंप्रेशर मशीन मंगवाई गई है। वहीं श्री तीर्थ गुरू पुष्कर पुरोहित संघ ट्रस्ट के कार्यवाहक अध्यक्ष पुष्करनारायण आदाली, कोषाध्यक्ष विमल पाराशर, संजय पाराशर, रवि पाराशर आदि ने एक संयुक्त हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन जिला कलेक्टर भारती दीक्षित को सौंप कर सरोवर में मर रही मछलियों के प्राण बचाने की मांग की है।

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