अमेरिका के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा दिन पहले कभी नहीं देखा गया। डोनाल्ड ट्रंप, जो 20 जनवरी को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं, अब एक अलग वजह से इतिहास में दर्ज हो चुके हैं। वे अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्हें आपराधिक केस में दोषी ठहराया गया है।
न्यूयॉर्क कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
हश मनी केस में न्यूयॉर्क की अदालत ने ट्रंप को दोषी करार दिया था। अदालत ने पाया कि ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हश मनी का भुगतान कर इसे छिपाने की कोशिश की। इसके बाद ट्रंप ने राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को 5-4 के फैसले से खारिज कर दिया।
सजा का इंतजार, लेकिन नाम क्रिमिनल रिकॉर्ड में दर्ज
हालांकि ट्रंप को फिलहाल बिना शर्त रिहाई मिल गई है और सजा का ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन न्यूयॉर्क कानून के तहत, उन्हें अपने डीएनए की प्रोफाइलिंग करानी होगी और उनका नाम अपराधियों के रिकॉर्ड में हमेशा के लिए जुड़ जाएगा।
इस केस में अधिकतम 4 साल की सजा का प्रावधान है। हालांकि, ट्रंप ने अब तक इस पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
खुद को माफी देने का अद्वितीय विकल्प
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद खुद को माफी देंगे? अमेरिकी संविधान के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार है। यदि ट्रंप ऐसा करते हैं, तो यह अमेरिकी राजनीति में एक अनprecedent घटना होगी।
एक विवादित राजनीतिक जीवन
ट्रंप पहले भी कई विवादों के केंद्र में रहे हैं। उनके खिलाफ तीन अन्य केस भी चल रहे थे, लेकिन उन्हें अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। इसके बावजूद, दोष सिद्ध होना उनके राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन पर एक गहरी छाया छोड़ चुका है।
क्या ट्रंप का दोषी होना अमेरिकी राजनीति की नई दिशा तय करेगा?
व्हाइट हाउस में पहली बार कदम रखने वाले एक दोषी राष्ट्रपति, अमेरिका की न्याय प्रणाली, लोकतंत्र और संविधान के लिए एक असामान्य परीक्षा बन चुके हैं। क्या यह फैसला अमेरिकी राजनीति में नया अध्याय खोलेगा या एक गहरे ध्रुवीकरण को जन्म देगा? समय बताएगा।