प्रयागराज महाकुंभ, जिसे लाखों श्रद्धालुओं का पवित्र मेला माना जाता है, एक बड़े षड्यंत्र का केंद्र बन गया है। खालिस्तानी आतंकवादी संगठन KZF (खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स) ने महाकुंभ मेले में आगजनी की जिम्मेदारी लेते हुए पूरे देश को झकझोर दिया है।
600 सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं
घटना के बाद से उत्तर प्रदेश ATS और NIA ने मोर्चा संभाल लिया है। सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया पर हर गतिविधि पर नजर रख रही हैं। अब तक 1000 नोटिस जारी किए गए हैं, और दर्जनों संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। करीब 600 सीसीटीवी फुटेज की जांच चल रही है।
सीएम योगी ने दिए कड़े निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि इस घटना को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सभी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरती जाए।
हिंदू आस्था पर हमला?
इस घटना को धार्मिक आस्था पर हमला माना जा रहा है। महाकुंभ, जो सद्भाव और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, ऐसे कृत्य से दूषित करने की कोशिश की गई है।
क्या है KZF का मकसद?
विशेषज्ञों का मानना है कि KZF जैसी आतंकी ताकतें भारत में अस्थिरता फैलाने और धार्मिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं। एनआईए ने इस घटना को आतंकी हमले के तौर पर जांच शुरू कर दी है।
देशभर में सुरक्षा बढ़ी
इस घटना के बाद पूरे उत्तर प्रदेश और देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में कड़ी निगरानी की जा रही है।
प्रयागराज महाकुंभ में आगजनी की इस घटना ने न केवल देशवासियों को चिंतित किया है, बल्कि यह सवाल खड़ा कर दिया है कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है। जनता अब इस मामले में सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई का इंतजार कर रही है।