खानपुर, उत्तराखंड: जिले में रविवार को सियासी माहौल उस समय गरमा गया, जब बीजेपी के पूर्व विधायक कुंवर प्रवण सिंह चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच तनाव खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया। चैंपियन अपने समर्थकों के साथ उमेश कुमार के कार्यालय पहुंचे और वहां जमकर हंगामा किया। आरोप है कि चैंपियन और उनके समर्थकों ने कार्यालय में तोड़फोड़ करते हुए मारपीट की।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विवाद के दौरान माहौल इतना हिंसक हो गया कि ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाजें भी सुनाई दीं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में गाली-गलौज और हाथापाई के दृश्य ने सनसनी फैला दी है।
विवाद की जड़:
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक वर्चस्व और व्यक्तिगत बयानबाजी को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी। रविवार की घटना ने इस तनातनी को खूनी संघर्ष में तब्दील कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई:
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को काबू में किया। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। उमेश कुमार ने चैंपियन और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, चैंपियन ने खुद को निर्दोष बताते हुए इसे साजिश करार दिया।
सियासी माहौल गरम:
घटना ने उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल ला दिया है। दोनों नेताओं के समर्थक सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। विरोध प्रदर्शन और धरनों की संभावना भी जताई जा रही है।
खतरे की घंटी:
खानपुर की इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के खतरनाक पहलू को उजागर कर दिया है। सवाल यह है कि क्या राजनीति में वैचारिक संघर्ष की जगह अब हिंसा ने ले ली है? जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ आखिर कब तक चलता रहेगा?
स्थिति तनावपूर्ण है, और पूरा क्षेत्र इस विवाद पर नजरें जमाए हुए है। क्या यह मामला केवल व्यक्तिगत रंजिश का है, या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक साजिश छिपी है?